Business

डीओसी की स्थानीय मांग कमजोर होने से सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट

डीओसी की स्थानीय मांग कमजोर होने से सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट

डीओसी की स्थानीय मांग कमजोर होने से सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट

सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (डीओसी) की स्थानीय मांग कमजोर होने और आयातित तेल कीमतों में गिरावट आने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई। वहीं सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम की कम आपूर्ति होने के बीच हल्के देशी तेलों की सामान्य मांग होने से सरसों एवं मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल जैसे देशी तेल सहित कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतें अपने पूर्वस्तर पर बंद हुई।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज शुक्रवार को 2.25 प्रतिशत तेज बंद हुआ था जबकि शिकागो एक्सचेंज कल रात 1.5 प्रतिशत टूट गया था। सूत्रों ने कहा कि देश में किसान सोयाबीन की बुवाई करने में इसलिए भी दिलचस्पी लेते हैं क्योंकि इससे खाद्यतेल के अलावा भी करीब 82 प्रतिशत डी-आयल्ड केक (डीओसी) निकलता है जिसका मुर्गीदाना के रूप में प्रयोग होता है। किसान स्थानीय बिक्री के साथ साथ डीओसी के निर्यात से अतिरिक्त लाभ कमाते हैं। अगले महीने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में सूरजमुखी की बिजाई होनी है। गौरतलब है कि पहले सूरजमुखी का इतना उत्पादन था कि हमें थोड़ी बहुत मात्रा में ही इस तेल का आयात करना होता था।

लेकिन मौजूदा समय में देश में इसका उत्पादन एकदम कम हो गया है और लगभग 95 प्रतिशत सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है। देश में सूरजमुखी तेल का घरेलू उत्पादन 1-2 लाख टन के बीच होता है। सूत्रों ने कहा कि लगभग छह माह पूर्व जिस सूरजमुखी तेल का भाव कांडला बंदरगाह पर 2,500 डॉलर प्रति टन था वह विदेशों से आपूर्ति में सुधार होने के कारण अब घटकर 1,360 डॉलर प्रति टन रह गया है। सोयाबीन तेल से जिस सूरजमुखी तेल का भाव 350 डॉलर ऊंचा था वह अब सोयाबीन तेल के दाम के मुकाबले 100 डॉलर नीचे हो गया है।

यानी जिस सूरजमुखी तेल का भाव लगभग 200 रुपये किलो हुआ करता था वह 88 रुपये घटकर अब 112 रुपये किलो रह गया है। इस कम भाव के मुकाबले देश में सूरजमुखी उत्पादक किसानों को सूरजमुखी तेल निकालने की लागत लगभग 40 रुपये किलो अधिक बैठेगी। कोटा प्रणाली के तहत आयातित सूरजमुखी तेल के 112 रुपये किलो के भाव के सामने स्थानीय किसानों के 152 रुपये का भाव कैसे प्रतिस्पर्धा करेगा। कोई भी किसान इस जोखिम को लेने से कतरा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बीच सूरजमुखी तेल का भाव सोयाबीन से नीचे होना चाहिये था लेकिन कम आपूर्ति की स्थिति को देखते हुए थोक बाजार में सूरजमुखी तेल 155-160 रुपये और खुदरा में लगभग 180 रुपये किलो बिक रहा है। कीमत टूटने के बावजूद कम आपूर्ति की स्थिति का फायदा उठाते हुए विक्रेता, उपभोक्ताओं से भारी प्रीमियम राशि वसूल कर रहे हैं। देश के प्रमुख तेल संगठनों को इस स्थिति के बारे में भी सरकार को बताना चाहिये।

उन्हें बताना चाहिये कि शुल्कमुक्त आयात के कोटा प्रणाली के कारण देश में ‘शार्ट सप्लाई’ (कम खाद्यतेल आपूर्ति) की स्थिति बनी है और सरकार को कोटा प्रणाली को तत्काल खत्म करने के बारे में आगाह करना चाहिये। सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र, आंध्र, कर्नाटक में मुर्गीदाने और मवेशी चारे के लिए सूरजमुखी के डीओसी और इसके खल का चलन है। देश में तिलहन उत्पादन तभी बढ़ सकता जब किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिलें और खरीद की सुनिश्चित खरीद की व्यवस्था हो।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 7,275-7,325 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,510-6,570 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,950 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,425-2,690 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,230-2,360 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,290-2,415 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,250 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,600 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,575-5,675 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज 5,385-5,435 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

Soybean oil oilseeds fall due to weak local demand of doc

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero