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आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र

आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र

आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र होगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बुधवार शाम को विशेष सत्र बुलाने की स्वीकृति दी थी। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा का 15वां सत्र बृहस्पतिवार दिनांक एक दिसंबर से प्रारंभ होकर शुक्रवार दो दिसंबर तक रहेगा।

इस सत्र में कुल दो बैठकें होंगी। इस सत्र में शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सितंबर माह में राज्य सरकार के वर्ष 2012 में जारी उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण को 58 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। अदालत ने कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को बताया था कि उन्होंने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत को भेजा है। बघेल ने बताया था कि आगामी एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया गया है। बघेल ने कहा कि उन्होंने आदिवासी समुदायों को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार उन्हें 32 प्रतिशत कोटा का लाभ प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

वहीं राजभवन के अधिकारियों ने बुधवार शाम को बताया था कि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर आज हस्ताक्षर कर दिया है और यह सत्र एक और दो दिसंबर को आहूत किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल उइके ने इस महीने की तीन तारीख को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण बहाली के लिए सरकार द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की तत्काल जानकारी मांगी थी।

उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने पत्र में कहा था कि आदिवासी आरक्षण के संबंध में विधानसभा सत्र आहूत कर विधेयक पारित करने या अध्यादेश के माध्यम से समस्या का समाधान संभव हो तो जल्द कार्यवाही करें। राज्यपाल ने कहा था कि इस संबंध में राजभवन द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

Special session of the assembly on december 1 and 2 regarding issue of reservation of tribals

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