श्रीलंका सरकार विवादास्पद आतंकवाद रोकथाम कानून (पीटीए) की जगह नये आतंकवाद-रोधी कानून का मसौदा तैयार कर रही है। न्याय मंत्री विजयदास राजपक्षे ने रविवार को यह जानकारी दी। पीटीए को तमिल अल्पसंख्यक चरमपंथी समूहों की हिंसा का मुकाबला करने के लिए वर्ष 1979 में एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में पेश किया गया था। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों और तमिल पक्षकारों ने इसे एक कठोर कानून करार दिया है, जिसके तहत अदालतों में आरोपपत्र दायर किए बिना दशकों तक तमिलों को हिरासत में रखा गया। कैंडी जिले में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजपक्षे ने कहा, ‘‘विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा गहन पड़ताल के बाद एक नए अधिनियम का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद-रोधी कानून लाने के इच्छुक हैं ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।’’ यूरोपीय संघ (ईयू) ने श्रीलंका सरकार पर पीटीए को निरस्त करने का दबाव डाला था।
Sri lanka considering repealing controversial anti terror law
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