श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में राजनीतिक स्वायत्तता की अल्पसंख्यक तमिलों की पुरानी मांग के समाधान के लिये अगले महीने सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया। संसद को बुधवार को संबोधित करते हुये विक्रमसिंघे ने कहा कि वह 11 दिसंबर के बाद वह यह बैठक बुलायेंगे, जब 2023 के बजट पर संसद अपना काम समाप्त कर लेगी। विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘(तमिल सांसद) श्री सुमनथिरन ने इस मसले के समाधान के लिये 1984 के बाद से हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयासों का उल्लेख किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें निश्चित तौर पर इसका समाधान खोजना होगा, अगर नहीं तो 2048 तक श्रीलंका ऐसा ही बना रहेगा।’’ विक्रमसिंघे ने कहा कि लंबे समय से चल रहे संघर्ष के समाधान के लिये बहुसंख्यक सिंहलियों और तमिलों के बीच विश्वास बहाली के उपाय करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रीलंका की आजादी के 75 वें वर्ष में अगले साल चार फरवरी तक देश को इसका समाधान खोजना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें तमिलों, सिहलियों और मुस्लिमों का विश्वास जीतना होगा।’’ तमिलों और मुख्य विपक्षी दलों ने इस चर्चा करने के लिए मुलाकात की इच्छा जतायी है, जबकि सिंहली बहुमत वाले एक कट्टरपंथी सांसद ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।
Sri lankan president to convene all party meeting on tamil minority issue
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero