आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के पास एक जनसभा के बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक कार्यक्रम में उपहार लेने के लिए लोगों में लगी होड़ के दौरान मची भगदड़ में रविवार को तीन महिलाओं की मौत हो गई तथा कई घायल हो गए। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि महज तीन दिन पहले दक्षिणी आंध्र प्रदेश स्थित नेल्लोर में इसी तरह के एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री वी रजनी ने बताया कि एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायलों ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आयोजकों ने साड़ियों सहित अन्य उपहार बांटने शुरू किये, भीड़ उमड़ पड़ी और उन्होंने अवरोधकों को गिरा दिया, जिसके चलते भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि यहां से करीब 33 किमी दूर गुंटूर में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के आयोजन स्थल से चले जाने के उपरांत उपहार वितरण शुरू किया गया था। इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है।
एक बयान में, उन्होंने घायलों का शीघ्रता से उपचार करने के आदेश दिये। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सरकार ने मृतकों के निकटतम परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। स्वास्थ्य मंत्री वी रजनी ने आरोप लगाया कि तेदेपा उपहार वितरण का आश्वासन देकर लोगों को रिझाने के लिए पिछले 10 दिनों से प्रचार कर रही थी। उन्होंने गुंटूर में एक अस्पताल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘नायडू के प्रचार के जुनून में तीन लोगों की बलि चढ़ा दी गई।’’
इसी अस्पताल में घायलों का उपचार किया जा रहा है। हालांकि, यह एक निजी कार्यक्रम था, पर राज्य सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘चंद्रबाबू नायडू को मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’ अस्पताल में भर्ती कराई गई एक महिला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें दिन में टोकन जैसी एक पर्ची दी गई थी और वे तेदेपा की सभा के आयोजन स्थल पर उपहार लेने गये थे। उन्होंने बताया कि अचानक बहुत भीड़ हो गई और लोगों के एक दूसरे से आगे जाने की होड़ में भगदड़ मच गई।
उन्होंने कहा कि लोग जमीन पर गिर गये, जिससे मौतें हुईं। गुंटूर पूर्वी के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने भी इस घटना के लिए नायडू को जिम्मेदार ठहराया। खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तीन लोगों की मौत हो गई और घायलों की संख्या के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। विधायक ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकार से इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह करता हूं क्योंकि वे (तेदेपा) लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हमने हाल में ही कंदुकुरू में इस तरह की घटना देखी थी।’’
गौरतलब है कि 28 दिसंबर को हुई भगदड़ की पिछली घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्हें इसका दुख है और मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये जबकि घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने भी मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए इतनी ही मुआवजा राशि की घोषणा की थी। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के महासचिव और सरकार के सलाहकार (राजनीतिक मामले) एस. रामकृष्ण रेड्डी ने एक बयान में तेदेपा और उसके प्रमुख नायडू को इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने 29 दिसंबर को मीडिया से बातचीत में कहा था कि नायडू ने ‘‘जानबूझकर’’ संकरी गलियों में रैली रखी थी ताकि वह ड्रोनों के जरिये लिये गए फुटेज में भारी भीड़ दिखा सकें, लेकिन नायडू का यह स्वप्रचार फेल हो गया और आठ लोगों की ‘हत्या’ हो गई जबकि तमाम लोग घायल हो गए।
Stampede again at tdp program in andhra pradesh three dead compensation announced
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