केरल के राज्यपाल के कानूनी सलाहकार और राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की स्थायी वकील ने मंगलवार को अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। फरवरी 2009 में राज्यपाल के मानद कानूनी सलाहकार नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता के. जाजू बाबू और कुलाधिपति की स्थायी वकील के रूप में कार्यरत रहीं अधिवक्ता एम. यू. विजयलक्ष्मी ने अपने-अपने पद छोड़ दिए हैं।
वे दोनों एक ही कानूनी सेवा देने वाली कंपनी - बाबू एंड बाबू- से हैं और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा केरल विश्वविद्यालय सीनेट के साथ ही राज्य में 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर केरल उच्च न्यायालय में चल रहे वाद में राज्यपाल का पक्ष रख रहे थे।
राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में जाजू बाबू ने कहा, “आपको ज्ञात कारणों से, मेरे लिए अपना पद छोड़ने का समय आ गया है। पेशेवर और व्यक्तिगत विकास के अवसरों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने अपने कार्यकाल के दौरान भी मुझे मानद कानूनी सलाहकार के रूप में प्रदान की हैं।” उन्होंने कहा, “मैं इन वर्षों के दौरान सभी कानूनी मामलों से निपटने में टीम के तौर पर काम करने के लिए केरल राजभवन के प्रधान सचिव और पूरे स्टाफ के प्रति भी अपना गहरा आभार व्यक्त करता हूं।” विजयलक्ष्मी ने भी राज्यपाल को इसी तरह के शब्दों में अपना पद छोड़ने की सूचना दी थी।
Standing counsel for the chancellor legal advisor to the governor of kerala stepped down
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