देश में 95 प्रतिशत से अधिक संगठनों ने पिछले दो साल में नई तरह की धोखाधड़ी का सामना किया है। वित्तीय परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी के एक सर्वे में यह कहा गया है। इसके अनुसार, कोविड-19 महामारी के बाद उससे जुड़ी अनिश्चितताओं और डिजिटल गतिविधियां अपनाने तथा घर से कामकाज से कंपनियों के समक्ष डिजिटल सुरक्षा, कर्मचारी सुरक्षा और गलत सूचना से संबंधित नये जोखिम उत्पन्न हुए हैं।
पीडब्ल्यूसी के वैश्विक आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी सर्वे-2022 के अनुसार, ‘‘इन कारणों से धोखाधाड़ी के नये मामले आए हैं। पिछले 24 महीनों में 52 प्रतिशत भारतीय कंपनियों को धोखाधड़ी या आर्थिक अपराध का सामना करना पड़ा है। कोविड-19 के कारण उत्पन्न संकट से इनमें से 95 प्रतिशत को नये तरह का जोखिम का सामना करना पड़ा है।’’
इस सर्वे में दुनियाभर के 1,296 संगठनों को शामिल किया गया। इसमें से 112 भारत से हैं, जो 32 विभिन्न उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें कहा गया है कि भारत में करीब 67 प्रतिशत संगठनों ने गड़बड़ियों की शिकायत की। यह बाह्य हमलों या बाहरी और आंतरिक स्रोतों के बीच साठगांठ का नतीजा था। वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 56 प्रतिशत था। पीडब्ल्यूसी इंडिया में भागीदार और प्रमुख (फॉरेंसिक सेवाएं) पुनीत गारखेल ने कहा कि पिछले दो साल में संगठन के स्तर पर इकाइयों की स्थिति अधिक संवेदनशील हुई है।
ऐसे में यह अनिवार्य है कि कंपनियां नये प्रकार की धोखाधड़ी से निपटने के लिये न केवल अपनी नीतियों, प्रशिक्षण और आंतरिक नियंत्रणों पर निरंतर ध्यान दें बल्कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश को भी प्राथमिकता दें। रिपोर्ट के अनुसार, अच्छी बात यह है कि भारत में कंपनियों ने धोखाधड़ी से निपटने के लिये कदम उठाये हैं। यह बात आंकड़े से पता चलती है। पिछले 24 महीनों में 52 प्रतिशत भारतीय संगठनों को धोखाधड़ी या आर्थिक अपराध का सामना करना पड़ा है, जो 2020 में 69 प्रतिशत था।
Survey said 95 of organizations in india became victims of new type fraud in last two years
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