अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को तालिबान सुरक्षा बलों ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाकर उनके लिए उच्च शिक्षा के द्वार बंद कर दिये है। इस फैसले के बाद मिले एक वीडियो में महिलाएं एक (विश्वविद्यालय) परिसर के बाहर रोती-बिलखती और एक-दूसरे को सात्वंना देती नजर आ रही हैं। एक दिन पहले ही देश के तालिबान शासकों ने आदेश जारी कर देशभर में महिलाओं के निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़ने पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी। तालिबान प्रशासन ने इसका कोई कारण नहीं बताया और न ही उसने इसकी कड़ी वैश्विक निंदा पर प्रतिक्रिया दी है।
इस बीच पाकिस्तान ने तालिबान से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। बुधवार को काबुल में विश्वविद्यालयों के बाहर तालिबान सुरक्षाकर्मी नजर आये जिन्होंने कुछ महिलाओं को अंदर जाने से रोका जबकि कुछ अन्य को अंदर जाकर अपना काम पूरा करने की अनुमति दी। उन्होंने किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी, शूटिंग या विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की। काबुल विश्वविद्यालय के प्रवक्ता रहीमुल्ला नदीम ने इस बात की पुष्टि की कि महिलाओं के लिए कक्षाएं बंद कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं को कागजी कार्रवाई एवं प्रशासनिक कारणों से अंदर जाने दिया गया।
एक कार्यकर्ता संगठन ‘यूनिटी एंड सोलिडरिटी ऑफ अफगानिस्तान वूमेन’ की कार्यकर्ता बुधवार सुबह यहां एक निजी विश्वविद्यालय के बाहर इकट्ठा हुईं और उन्होंने नारेबाजी की। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा को राजनीतिक रूप मत दीजिए। एक बार फिर महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय बंद कर दिया गया है, हम नहीं चाहते हैं कि हमें (शिक्षा से) बाहर रखा जाए।’’ प्रारंभ में महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने तथा और अधिक उदार शासन का वादा करने के बावजूद तालिबान ने व्यापक रूप से इस्लामिक कानून या शरिया को कड़ाई से लागू किया है। उसने अगस्त, 2021 में सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी द्वारा मंगलवार को साझा किये गये पत्र में कहा गया है कि सभी निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालय (महिलाओं के प्रवेश पर) इस पाबंदी को लागू करें और पाबंदी लगाने की सूचना मंत्रालय को दें। इस्लामाबाद से प्राप्त समाचार के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘ पाकिस्तान अफगानिस्तान में छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा पर लगाई गई रोक से निराश है।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान का रूख स्पष्ट है। उसने कहा, ‘‘हमारा दृढ़ रूप से मानना है कि हर पुरुष एवं महिला को इस्लाम के अनुसार शिक्षा का जन्मजात अधिकार प्राप्त है।
Taliban fighters bar women from entering university
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