तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले के छह दोषियों को रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया जबकि कांग्रेस ने इसे अस्वीकार्य बताया। दोषियों की रिहाई का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि राज्यपालों को चुनी हुई सरकारों के फैसलों और प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहिए।’’
इन दोषियों की रिहाई की सिफारिश तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से 2018 में पिछली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नीत सरकार द्वारा की गई थी। स्टालिन ने न्यायालय के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी दोषियों की रिहाई की पैरोकारी की थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने केंद्र से दोषियों को रिहा करने का अनुरोध किया, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तथा उन्हें रिहा कराने के लिए लड़ी गयी कानूनी लड़ाई का समर्थन किया।
मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने दोषियों की रिहाई के लिए श्रेय लेते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा छह दोषियों को रिहा करना उसकी पिछली सरकारों द्वारा उठाए गए लगातार कानूनी कदमों की जीत है। कांग्रेस ने उम्रकैद की सजा काट रहे छह शेष दोषियों की समय से पहले रिहाई का निर्देश देने वाले न्यायालय के आदेश को ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत’’ करार दिया। पार्टी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी ने भी दोषियों की रिहाई का विरोध किया। नलिनी श्रीहरन के परिवार ने फैसले पर खुशी व्यक्त की, वहीं घटना में घायल होने वाली अनुसुइया डायसी अर्नेस्ट ने 1991 के आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए और घायल लोगों के लिए न्याय के बारे में पूछा। सेवानिवृत्त महिला पुलिस अधिकारी अर्नेस्ट ने सवाल किया, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए वर्ष 1991 में किये गये आत्मघाती बम हमले में जान गंवाने वाले और घायल होने वाले लोगों के लिए न्याय कहां है?’’
तमिलनाडु में, कांग्रेस के अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दक्षिणपंथी संगठनों ने राजीव मामले के दोषियों की रिहाई का विरोध किया है, वहीं लगभग सभी अन्य संगठनों ने इसका समर्थन किया है। कांग्रेस ने कहा कि वह अपनी पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी से असहमत है, जिनकी अपील ने दोषी नलिनी श्रीहरन की मौत की सजा को माफ करने में मदद की। कांग्रेस ने कहा कि सोनिया गांधी अपना विचार रखने का अधिकार रखती हैं, लेकिन पार्टी की राय एक दशक से एक समान है।
कांग्रेस ने कहा कि सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने नरेंद्र मोदी नीत सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव जी के हत्यारे उग्रवादियों की रिहाई का समर्थन करती है?’’ गौरतलब है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके लिए धनु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था।
Tamil nadu political parties welcome release of convicts in rajiv case
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