मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एम. वाई. तारिगामी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाने की खातिर सभी गैर-भाजपा दलों को एक साथ आना चाहिए। तारिगामी ने यहां पीटीआई-से कहा, एक और साल खत्म हो रहा है, लेकिन विधानसभा चुनाव की कोई संभावना नहीं दिख रही है और जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक लोकप्रिय सरकार से वंचित किया जा रहा है, जो उनका प्राथमिक संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने चुनावों केसंबंध में निर्वाचन आयोग की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त किया।
उन्होंने अफसोस जताया कि विपक्षी दलों ने देश के इस हिस्से के लोगों को भुला दिया है जो अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से अपने अधिकारों पर ‘‘हमले का सामना कर रहे हैं।’’ माकपा नेता ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और मतदाता सूची में संशोधन पूरा हो गया है, लेकिन विधानसभा चुनाव के समय को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों को समय से पहले कराए जाने की खबरें हैं लेकिन वे विधानसभा का विकल्प नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार लोगों के जनादेश को लेकर आश्वस्त नहीं है और उपराज्यपाल नीत प्रशासन के जरिए विभिन्न कानूनों को लेकर लोगों की सहमति के बिना देरी करने की रणनीति अपना रही है।
Tarigami calls for united struggle for restoration of democratic rights in jammu and kashmir
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