एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा समर्थित तख्तापलट के बाद उद्धव ठाकरे के गुट ने अपना पहला चुनाव जीत लिया है। मुंबई के अंधेरी (पूर्व) उपचुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार रुतुजा लटके ने 66,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। मुंबई की अंधेरी (ईस्ट) सीट से ऋतुजा लटके की एकतरफा जीत पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे बड़े गदगद हैं और कहा कि परिणाम बताते हैं कि लोगों का सपोर्ट हमारे साथ है। लेकिन अगर महाराष्ट्र की इस सीट पर हुए उपचुनाव को गौर से देखे तो एक अनोखी चीज निकलकर सामने आई है। जहां दूसरे नंबर पर नोटा को 12806 मत प्राप्त हुए।
रुतुजा लटके को समर्थन देने के लिए कई दलों द्वारा अपील के बाद भाजपा ने अपना उम्मीदवार वापस लेने का फैसला किया और फिर वास्तव में एक प्रतियोगिता नहीं रह गई थी। उन्हें महा विकास अघाड़ी में भागीदार कांग्रेस और राकांपा का भी समर्थन प्राप्त था। मुंबई के अंधेरी ईस्ट क्षेत्र में हुए मुकाबले का है जहां शिवसेना के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार वापस लेने के बाद भी बीजेपी ने लड़ाई जाया नहीं होने दी। चूंकि वह सीट शिवसेना विधायक की असामयिक मौत से खाली हुई थी और वहां दिवंगत विधायक की पत्नी मैदान में थीं, इसलिए महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा का वास्ता देते हुए सभी प्रमुख दलों ने उनके खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करने से परहेज किया। दबाव बहुत ज्यादा बढ़ते देख बीजेपी ने भी अपना प्रत्याशी वापस ले लिया, लेकिन उसने उसने औनऔपचारिक तौर पर अपने समर्थकों से शिवसेना प्रत्याशी को वोट देने की बजाए नोटा बटन दबाने की अपील कर दी।
चुनाव नतीजे आने से पहले वहां प्रत्याशियों को मिले वोटों से ज्यादा नोटा वोटों की संख्या को लेकर दिलचस्पी बनी हुई थी और शायद पहली बार किसी चुनाव में विजेता प्रत्याशी के बाद सबसे ज्यादा वोट नोटा बटन को मिले। ऋतुजा को 66,530 वोट मिले, उसके बाद दूसरे नंबर पर नोटा को 12806 मत प्राप्त हुए। इस सीट पर कुल 86,570 वोट डाले गए थे। यहां ऋतुजा के अलावा 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी समर में थे। कुल मिलाकर, बीजेपी ने इन उपचुनावों के जरिए एक बार फिर स्पष्ट किया कि वो मैदान में उतरे या नहीं लेकिन सियासी खेल को रोमांचक बनाने की कला उसे बखूबी आती है।
Team thackeray wins andheri election nota fought alone
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