National

तेलंगाना ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ली

तेलंगाना ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ली

तेलंगाना ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ली

तेलंगाना सरकार ने राज्य में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामलों की जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले ली है। इसके साथ ही प्रदेश उन कई गैर-भाजपा शासित राज्यों की सूची में शुमार हो गया है जिसने केंद्रीय एजेंसी को मामलों की जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से 30 अगस्त को जारी एक आदेश के अनुसार, तेलंगाना में प्रत्येक मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी को प्रदेश की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक कर दिया गया है।

हालांकि, सरकारी आदेश दो महीने पहले जारी किया गया था, लेकिन यह शनिवार को तब सार्वजनिक हुआ जब अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) ने तेलंगाना उच्च न्यायालय को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘तेलंगाना सरकार इसके द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (1946 का केंद्रीय अधिनियम XXV) की धारा छह के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी पिछली सभी आम सहमति वापस लेती है।’’

हाल के दिनों में कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ टीआरएस और भाजपा के बीच जुबानी जंग के कारण दोनों दलों के मध्य कटुता बढ़ी है तथा इसके बाद राज्य सरकार का यह फैसला सामने आया है। भाजपा ने दिल्ली के आबकारी नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता का नाम भी घसीटा। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं। हालांकि, कविता ने आरोपों से इनकार किया है।

मुख्मयंत्री ने 31 अगस्त को बिहार की राजधानी पटना में कहा था कि सभी राज्यों को सीबीआई को दी गयी आम सहमति वापस ले लेनी चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सभी केंद्रीय एजेंसियों का ‘‘दुरुपयोग’’ कर रही है।

उन्होंने कहा था, ‘‘देश में भारतीय जनता पार्टी के रजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई समेत सभी केंद्रीय जांच एजेंसियों का केंद्र दुरुपयोग कर रहा है। इसे अब रोका जाना चाहिये और सभी सरकारों को सीबीआई को दी गयी आम सहमति वापस ले लेनी चाहिये। आखिर पुलिस राज्य का विषय है।’’ दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) कानून, 1946 की धारा छह के अनुसार, सीबीआई को जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की आवश्यकता होती है।

अगर आम सहमति वापस ले ली जाती है तो एजेंसी को कोई भी मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय समेत आठ राज्यों ने सीबीआई से उनके न्यायाधिकार क्षेत्र में मामलों की जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली है। महाराष्ट्र ने पहले सहमति वापस ली थी, लेकिन बाद में यह फैसला रद्द कर दिया था। इससे पहले एएजी ने अदालत को बताया कि सरकार के गृह (विशेष) विभाग ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून-1946 की धारा छह के तहत दी गई पहले की सभी आम सहमति को वापस ले लिया।

Telangana withdraws general consent to cbi

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero