हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को राजनीतिक मुद्दा बना रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उसकी बहाली की मांग करने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि जब वह राज्य में सत्ता में थी तब उसने कुछ नहीं किया। ठाकुर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुत आरामदेह स्थिति में है और वह हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी करने वाली है।
उन्होंने विपक्ष को राज्य के पिछले मुख्यमंत्रियों के पांच साल के किसी भी कार्यकाल की तुलना उनके कार्यकाल से करने की चुनौती भी दी और दावा किया कि उनके नेतृत्व वाले वर्तमान भाजपा शासन ने पिछली सरकारों से अधिक काम किया है। उन्होंने सवाल किया कि यदि कांग्रेस को अहसास हुआ कि नयी पेंशन योजना को अपनाना एक भूल थी तो उसने वर्ष 2012 से 2017 तक अपनी सरकार में पुरानी पेंशन योजना को क्यों नहीं बहाल किया।
इस पहाड़ी राज्य में सत्ता में लौटने की जद्दोजेहद में लगी कांग्रेस ने सरकार बनाने पर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया है। लेकिन ठाकुर ने कहा कि उसे ऐसा वादा करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित समिति सभी उपलब्ध विकल्पों के साथ ही इस मुद्दे पर बारीकी से गौर करेगी।
इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने में जुटी कांग्रेस पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विपक्षी दल को ‘‘पुरानी पेंशन योजना की बहाली के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उसके नेताओं ने पूरे देश में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये तथा पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर नयी पेंशन योजना लागू की।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘वे (कांग्रेस के नेता) बस राजनीतिक फायदे के लिए यह मुद्दा उठा रहे हैं। कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। यदि उन्होंने भूल की तो उनके पास तब सुधार करने का समय था जब 2012 में वीरभद्र सिंह सरकार बनी थी। उस समय वह उसे बहाल कर सकती थी।’’
उन्होंने कहा कि दो दशक बाद वे इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ हमने हमेशा कहा है कि हमें आनन-फानन में निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए, .... (पुरानी पेंशन योजना पर) आगे का मार्ग क्या हो सकता है, क्या कांग्रेस ने उसके प्रभाव का अध्ययन किया है।’’ राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में अपनी सरकारों द्वारा ओपीएस लागू करने के कांग्रेस के दावे पर ठाकुर ने कटाक्ष किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान एवं असम के मुख्यमंत्रियों एवं अपनी उपस्थिति वाले एक कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि जब ‘एक मेज पर वे सभी एक साथ भोजन कर रहे थे, तब (राजस्थान के मुख्यमंत्री) अशोक गहलोत ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री से कहा कि ‘ हमें पुरानी पेंशन योजना की घोषणा करनी है लेकिन आपके आशीर्वाद एवं सहयोग के बिना यह संभव नहीं हो सकता है।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या राजस्थान सरकार ने घोषणा के नौ महीने बाद पुरानी पेंशन योजना बहाल की।
उन्होंने कहा कि वहां इस मुद्दे पर अराजक स्थिति है। हिमाचल प्रदेश सरकार के कई कर्मचारियों द्वारा हाल में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग किये जाने पर ठाकुर ने कहा, ‘‘ मैं कर्मचारियों को बताना चाहता हूं कि हम आपकी संवेदना समझते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस तथ्य से अवगत होना चाहिए कि कांग्रेस ‘‘बस राजनीतिक फायदे के लिए’’ यह मुद्दा उठाने की चेष्टा कर रही है। शिमला, मंडी, कांगड़ा और सोलन में नयी पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारी एसोसिएशनों द्वारा पहले प्रदर्शन किया गया था।
सेब उत्पादकों की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने तथा सेब मंगाने पर आयात शुल्क में 100 प्रतिशत वृद्धि करने की मांग पर ठाकुर ने कहा, ‘‘ हमने आयात शुल्क का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने रखा है।’’ उन्होंने कहा कि सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य कांग्रेस के शासन काल की तुलना में अधिक बढ़ाया गया और राज्य सरकार उत्पादकों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सर्वेक्षेणों के अनुसार भाजपा कांग्रेस से आगे है और वह राज्य में फिर सरकार बनायेगी। हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिए शनिवार को चुनाव होंगे तथा आठ दिसंबर को मतों की गिनती होगी।
Thakur said congress raising ops issue just for politics it should apologize
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero