केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रविवार को प्रवासी भारतीय समुदाय से अपील की कि वह आकांक्षाओं से भरे भारत से तकनीक के माध्यम से जुड़े और देश के सशक्त मानव संसाधन को भुनाते हुए समूची दुनिया के हित में काम करे। ठाकुर ने इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा,‘‘प्रवासी भारतीय समुदाय से हमारा अनुरोध है कि वह तकनीक के जरिये हमसे जुड़े और न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के हित में मिलकर काम करे। आपके पास संसाधन हैं और हमारे पास मानव संसाधन हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीय समुदाय को विदेश से देश में धन भेजने के संदर्भ में नहीं देखती, बल्कि उनके साथ भागीदारी चाहती है। ठाकुर ने कहा,‘‘हम प्रतिभा पलायन के बजाय प्रतिभा प्राप्ति की बात करते हैं। हम आजादी के अमृत काल में ख्वाहिशों से भरे भारत से प्रवासी भारतीयों को जोड़ने की बात करते हैं।’’ ठाकुर ने कहा कि भारत की ओर दुनिया उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है और देश को लेकर वैश्विक नजरिया पहले ही बदल चुका है।
उन्होंने कहा,‘‘मैं एक व्यापार प्रदर्शनी के सिलसिले में अपनी पहली अमेरिका यात्रा के दौरान 1997 के दौरान शिकागो पहुंचा था। मैंने वहां एक अखबार उठाया जिस पर छपा था कि सपेरों और भिखारियों का देश भारत अपनी आजादी की 50वीं वर्षगांठ मनाने को तैयार है। लेकिन भारत को लेकर दुनिया का नजरिया जल्द ही बदल गया, जब हमने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया।’’ केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बताया और कहा,‘‘भारत के बारे में अनुमान लगाया गया है कि देश की जीडीपी विकास दर इस साल सात प्रतिशत रहेगी। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत तेज गति से तरक्की कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि देश में 81 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट कनेक्शन हैं और भारत डिजिटल माध्यमों से वित्तीय लेन-देन के मामले में दुनिया का नेतृत्व करता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया,‘‘पिछले महीने भीम यूपीआई प्लेटफॉर्म पर सात अरब से ज्यादा लेन-देन हुए और करीब 12.82 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए।’’ ठाकुर ने कहा कि जी-20 की मौजूदा अध्यक्षता के जरिये भारत के पास अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से दुनिया को रू-ब-रू कराने का बड़ा मौका है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में देश के 55 से ज्यादा स्थानों पर जी-20 की 200 से ज्यादा बैठकें होंगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि तकनीक काम-काज के तौर-तरीके तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा,‘‘जब हम काम-काज के भविष्य की बात करते हैं, तो हमें एबीसी फॉर्मूला याद आता है। ‘ए’ यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ‘बी’ यानी ब्लॉक चेन और ‘सी’ यानी क्लाउड कम्यूटिंग। ठाकुर ने कहा कि आने वाले दिनों में दुनिया की सबसे कुशल मानव शक्ति भारत में होगी और भारतीय युवा ‘‘थ्री आई’’ यानी आइडिया (विचार), इंटेंट (इरादा) और ‘‘इनोवेशन’’ (नवाचार) के जरिये दुनिया के विकास में योगदान करेंगे।
Thakur said connect with aspirational india through technology and work in interest of world
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