मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतवंशी युवाओं से रविवार को अपील की कि वे अपने नवाचारी विचारों को सूबे में अमली जामा पहनाएं। उन्होंने इन नौजवानों को इस सिलसिले में राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया। चौहान ने तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के पहले दिन युवा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में रेखांकित किया कि अकेले इंदौर में नौजवानों ने 1,500 से ज्यादा स्टार्ट-अप शुरू किए हैं।
उन्होंने भारतवंशी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपके मन में जब भी कोई नवाचारी विचार आए और आपको लगे कि इसे मध्यप्रदेश में जमीन पर उतारना है, तो मामा (चौहान का लोकप्रिय उपनाम) को याद कर लेना। आपका साथ देने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश 19.76 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा,‘‘हम मध्यप्रदेश में नयी युवा नीति बनाने वाले हैं। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही कौशल विकास के लिए ‘ग्लोबल स्किल पार्क’ बन रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवंशी युवाओं ने इंजीनियरिंग और तकनीक के क्षेत्र में प्रतिभा के दम पर न केवल अपना लोहा मनवाया है, बल्कि कई स्थानों पर तो ऐसी स्थिति बन गई है कि अगर वहां भारतीय पेशेवर न हों, तो कंपनियों का काम ही ठप हो जाए। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वच्छता और अन्य क्षेत्रों में विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। उन्होंने ‘‘मेक इन इंडिया’’, ‘‘डिजिटल इंडिया’’ और ‘‘स्किल इंडिया’’ जैसी सरकारी योजनाएं गिनाते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने बाद में सम्मेलन स्थल पर मध्यप्रदेश वीथिका और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने बताया कि चौहान ने सम्मेलन के दूसरे सत्र में प्रवासी भारतीयों से चर्चा की और इस दौरान सिंगापुर, मलेशिया, अमेरिका और अन्य देशों के भारतवंशियों ने राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश में दिलचस्पी दिखाई। ऑस्ट्रेलिया की सांसद जनेटा मैस्करेनहास युवा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की सम्मानीय अतिथि रहीं। समारोह को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भी संबोधित किया।
गौरतलब है कि ‘‘प्रवासी भारतीय : अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार’’ की थीम पर आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चार साल के अंतराल के बाद इसे पहली बार भौतिक स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है और करीब 70 देशों के 3,500 से ज्यादा भारतवंशियों ने इसमें भाग लेने को पंजीयन कराया है। पिछला प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2021 में कोविड महामारी के प्रकोप के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित किया गया था।
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