National

मोरबी पुल को चार दिन पहले मरम्मत कार्य के बाद जनता के लिए खोल दिया गया था

मोरबी पुल को चार दिन पहले मरम्मत कार्य के बाद जनता के लिए खोल दिया गया था

मोरबी पुल को चार दिन पहले मरम्मत कार्य के बाद जनता के लिए खोल दिया गया था

गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बने केबल पुल के रविवार शाम टूट जाने से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। एक निजी कंपनी द्वारा सात महीने तक पुल का मरम्मत कार्य करने के बाद इसे चार दिन पहले ही जनता के लिए फिर से खोला गया था। हालांकि पुल को नगरपालिका का ‘‘फिटनेस प्रमाणपत्र’’ अभी नहीं मिला था। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। मोरबी शहर में एक सदी से भी ज्यादा पुराना पुल शाम करीब साढ़े छह बजे लोगों से खचाखच भर गया।

मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने कहा, ‘‘पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था। इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर मरम्मत के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था।’’ उन्होंने कहा, मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था। हालांकि स्थानीय नगरपालिका ने अभी तक (मरम्मत कार्य के बाद) कोई फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था।’’

जिला कलेक्ट्रेट की वेबसाइट पर पुल के विवरण के अनुसार, ‘‘यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार था और यह केबल पुल ‘‘मोरबी के शासकों की प्रगतिशील और वैज्ञानिक प्रकृति को प्रतिबिंबित करने के लिए बनाया गया था। सर वाघजी ठाकोर ने 1922 तक मोरबी पर शासन किया। वह औपनिवेशिक प्रभाव से प्रेरित थे और उन्होंने पुल का निर्माण करने का फैसला किया जो उस समय का कलात्मक और तकनीकी चमत्कार था।

इसके अनुसार पुल निर्माण का उद्देश्य दरबारगढ़ पैलेस को नज़रबाग पैलेस (तत्कालीन राजघराने के निवास) से जोड़ना था। कलेक्ट्रेट वेबसाइट के अनुसार, पुल 1.25 मीटर चौड़ा था और इसकी लंबाई 233 मीटर थी। इसके अनुसार इस पुल का उद्देश्य यूरोप में उन दिनों उपलब्ध नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मोरबी को एक विशिष्ट पहचान देना था।

The morbi bridge was opened to the public four days ago after the repair work

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero