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इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं

इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं

इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने के लिए सरकार के समक्ष कारोबार की सीमा को कम करने का प्रस्ताव नहीं

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को कहा कि सरकार के पास इलेक्ट्रॉनिक बिल अनिवार्य किये जाने को लेकर एक जनवरी से कारोबार की सीमा को कम किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल जिन इकाइयों का कारोबार 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, उन्हें बी-टू-बी (कंपनियों के बीच) लेन-देन के लिये इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालने की जरूरत पड़ती है। सीबीआईसी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘फिलहाल सरकार के पास एक जनवरी से कारोबार की सीमा घटाकर पांच करोड़ रुपये करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जीएसटी परिषद ने अबतक ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है।’’

कुछ मीडिया में यह खबर आई थी कि जीएसटी (माल एवं सेवा कर) परिषद ने ई-इनवॉयस के लिये कारोबर सीमा घटाकर पांच करोड़ रुपये करने की सिफारिश की है, लेकिन सरकार ने अबतक इस संदर्भ में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। उसके बाद सीबीआईसी ने ट्विटर पर उक्त बात लिखी। जीएसटी कानून के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये एक अक्टूबर, 2020 से बी-टू-बी लेन-देन को लेकर ई-बिल को अनिवार्य किया गया है। उसे एक जनवरी, 2021 से उन कंपनियों पर भी लागू किया गया, जिसका कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक था। एक अप्रैल, 2021 से 50 करोड़ रुपये के कारोबार वाली कंपनियों को इस दायरे में लाया गया। एक अप्रैल, 2022 से इसे 20 करोड़ रुपये तथा एक अक्टूबर, 2022 से सीमा को कम कर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया।

There is no proposal before the govt to reduce business limit for electronic bill generation

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