बिजली, पानी की समस्या को लेकर सड़क जाम करने के करीब 22 साल पुराने एक मामले में सुल्तानपुर की स्थानीय अदालत में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक अनूप संडा समेत छह आरोपियों को बुधवार को तीन महीने कारावास और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए अदालत) योगेश यादव की अदालत ने छः आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 143 (गैर कानूनी सभा) और 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) के तहत दोषी ठहराते हुए तीन-तीन माह के कारावास तथा डेढ़ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
इन सभी को अदालत ने बचाव पक्ष की अर्जी पर अपील की अवधि तक जमानत पर रिहा कर दिया। ज्ञात हो कि 22 साल पहले बिजली-पानी समेत अन्य समस्याओं को लेकर सड़क पर जाम लगाने, धरना प्रदर्शन करने सहित अन्य आरोपों में कोतवाली नगर में 19 जून, 2001 को सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, सपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक अनूप संडा और पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव समेत सात लोगों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।
मुकदमा विचारण के दौरान प्रेम प्रकाश नामक आरोपी की मौत हो गई थी। सांसद संजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 2001 में उन्होंने भीषण गर्मी में 36 घण्टे बिजली न रहने पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में कांग्रेस और सपा समेत कई दलों के लोग भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि अदालत ने छह लोगों को तीन महीने की कारावास व 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत के इस निर्णय को ऊंची अदालत में चुनौती देंगे, क्योंकि लोकतांत्रिक ढंग से विरोध जताना सभी का नैतिक अधिकार है।
Three months imprisonment to six accused including aap rajya sabha member sanjay singh
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