मुंबई में हुए 26/11 हमले की 14वीं बरसी पर ब्रिटेन में विशेष धुन बजाकर और श्रद्धा सुमन अर्पित करके हमले में मारे गये लोगों को याद किया गया और आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया गया। वर्ष 2008 के इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया, जिसमें 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई हमले से जुड़ी तस्वीरों और अन्य झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इस श्रद्धांजलि सभा में प्रवासी भारतीयों और वरिष्ठ सांसद ने हिस्सा लिया। इस दौरान एक फिल्म दिखाई गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश और शहर के प्रतिष्ठित ताज पैलेस होटल समेत हमले में फंसे बहुत से मुंबई वासियों और पर्यटकों की ओर से कही गई बातों को दर्शाया गया है।
इसके बाद संगीतकार सुनीता भुइयां ने वायलिन वादन किया। भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वमी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ये असली लोग थे, जिनके वास्तव में परिवार हैं और जिनके पास असल में उम्मीदें और आकांक्षाएं थीं, लेकिन सब कुछ समय से पहले खत्म हो गया।’’ दोरईस्वामी ने उन पुलिसकर्मियों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के सदस्यों को नमन किया, जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपना जीवन बलिदान कर दिया। दोरईस्वामी ने कहा, ‘‘आइये हम बहुत से उन लोगों को याद करें, जिन्होंने रोजमर्रा के काम करते हुए अपना जीवन गंवा दिया।’’
बरसी पर आयोजित कार्यक्रम का विषय था- कभी नहीं भूलें, कभी माफ नहीं करें और कभी दोबारा न होने दें। इस मौके पर ब्रिटेन के सभी दलों के सांसदों के संदेशों को भी शामिल किया गया। कंजर्वेटिव पार्टी की भारतीय मूल की सांसद और पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा, ‘‘आतंकवाद कभी नहीं जीतेगा, क्योंकि हम आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सदैव खड़े रहेंगे। यह एक चीज है जो हम सब को एकजुट करती है।’’
लेबर पार्टी की सांसद और छद्म विदेश मंत्री कैथरीन वेस्ट ने कहा, ‘‘हम सब को मिलकर आतंकवाद को हराना चाहिए और आज हम एक सुर में कहते हैं- (ऐसी घटना) दोबारा न हो।’’ लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने कहा, ‘‘हमले की पीड़ा हम अब भी महसूस कर सकते हैं।’’ इस अवसर पर भारत के कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें सरोद वादक उस्ताद अमजद खान और उनके बेटे अयान शामिल थे। कार्यक्रम का समापन मोमबत्तियों से सजाए गए उस मंदिर में श्रद्धासुमन अर्पित करके किया गया जिसे पीड़ितों की याद में ‘इंडिया हाउस’ के बाहर निर्मित किया गया है।
लंदन में सेंट जेम्स कोर्ट स्थित ताज होटल ने 14 साल पहले हुए हमले में जान गंवाने वाले स्टाफ सदस्यों और महमानों की याद में श्रद्धांजलि देने के लिए खुद का सालाना कैंडल-लाइट कार्यक्रम आयोजित किया। इसके पहले शनिवार को बड़ी संख्या में प्रवासियों के समूह ने लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के सामने सीमा पार आतंकवाद और मुंबई हमले से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
रेस, एथनिसिटी एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) भारत के यूके चैप्टर की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसके तहत इसके सदस्य हाथों में तख्तियां लिये हुए थे, जिनपर लिखा था- ‘आतंकवाद रोको’, ‘आतंक के खिलाफ एकजुट हों’। मुंबई हमला 26 नवंबर, 2008 को शुरू हुआ और 29 नवंबर को इसका अंत हुआ। इस दौरान 166 लोगों की जान गई और 300 लोग घायल हुए। भारतीय सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था। अजमल कसाब इकलौता आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया और उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।
Tributes paid on 26
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