नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ट्विटर के दुष्प्रचार का हथकंडा अब थम गया है और ऐसी चीजें भारत में पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि ‘ट्विटर फाइल्स’ के खुलासे से इस बात के सबूत मिलते हैं कि इस सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग किया जा रहा था और यह अलग-अलग लोगों के खिलाफ भेदभावपूर्ण तरीके से काम कर रहा था।
चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि मंच न केवल सामग्री को इधर-उधर करने में बल्कि बातचीत को एक रूप देने में भी शामिल था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दुष्प्रचार का यह हथकंडा अब थम गया है।’’ ‘ट्विटर फाइल्स’ नामक रिपोर्ट से पता चलता है कि ट्विटर के कर्मचारियों की टीम ‘काली सूची’ तैयार करती थी, नापसंद किए गए ट्वीट्स को ‘ट्रेंड’ होने से से रोकती थी। और ये सभी चीजें गोपनीय रूप से बिना उपयोगकर्ताओं को बताये की जाती थी।
इस खुलासे को ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने सोशल मीडिया मंच पर साझा किया है। मंत्री ने कहा कि इन खुलासों के बाद हम देखेंगे कि क्या कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इस खुलासे ने हमें सोचने का और कारण दिया है कि डिजिटल इंडिया कानून में क्या होना चाहिए...।
Twitter campaign of propaganda name of freedom expression has now stopped chandrashekhar
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