बाली में इस हफ्ते आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन तथा पश्चिमी देशों के बीच तनाव के मुद्दे हावी रहने की संभावना है। जी-20 समूह मंगलवार को इंडोनेशिया में ‘‘एक साथ उबरें, मजबूत होकर उबरें’’ की उम्मीद के साथ शिखर सम्मेलन शुरू करने जा रहा है। एक तरफ जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक से दूरी बना रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात करेंगे।
शिखर सम्मेलन की स्वास्थ्य, स्थायी ऊर्जा और डिजिटल परिवर्तन की आधिकारिक प्राथमिकताएं, यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण भू-राजनीतिक तनाव से प्रभावित होने की आशंका है। लगभग नौ महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध ने तेल, प्राकृतिक गैस और अनाज के व्यापार को बाधित कर दिया है, जिसके चलते शिखर सम्मेलन का ध्यान व्यापक रूप से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की ओर चला गया है।
इस बीच, अमेरिका के अलावा यूरोप और एशिया में सहयोगी देश, चीन के खिलाफ तेजी से एकजुट हो रहे हैं, जिससे भारत, ब्राजील और मेजबान देश इंडोनेशिया जैसी उभरती जी-20 अर्थव्यवस्थाएं संतुलित रुख अपना रही हैं। यूक्रेन जी-20 का हिस्सा नहीं है। हालांकि, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के न्योते पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ऑनलाइन माध्यम से बैठक में हिस्सा ले सकते हैं।
Ukraine crisis issues of tension between china and western countries will dominate g 20
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