यूक्रेन ने बृहस्पतिवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ एक शांति समझौते पर दस्तखत किये। यह बहुत हद तक एक प्रतीकात्मक कदम है जो ऐसे में आया है जब रूस को अलग-थलग करने के लिए यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की जुगत में है। नोम पेन्ह में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलबेला ने ‘दक्षिण पूर्व एशिया में मित्रता और सहयोग पर संधि’ (टीएसी) पर हस्ताक्षर किये।
आसियान सम्मेलन के बाद बाली में जी-20 का सम्मेलन और बैंकॉक में एपीईसी आर्थिक मंच की बैठक होगी। ये सम्मेलन ऐसे समय में हो रहे हैं जब रूस यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी पाबंदियों से बचने के लिए अपने ऊर्जा उत्पादों के लिए नये बाजार तलाश रहा है। आसियान देशों के समूह ने रूस के हमले को लेकर अपना कोई स्पष्ट रुख व्यक्त नहीं किया है। उन्होंने युद्ध की निंदा की है, लेकिन सामान्य रूप से किसी को जिम्मेदार ठहराने से बचने का प्रयास किया है। आसियान के 10 सदस्य देशों में से आठ ने रूस के हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, वहीं वियतनाम और लाओस ने मतदान में भाग नहीं लिया।
सदस्य देश सिंगापुर ने सबसे सख्त रुख अपनाया है और वह रूस पर एकपक्षीय प्रतिबंध लगा रहा है, वहीं कंबोडिया आसियान की अपनी अध्यक्षता के कार्यकाल में यूक्रेन का समर्थन कर रहा है। कंबोडिया के राष्ट्रपति हुन सेन ने हाल में युद्ध समाप्त करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा था कि इससे यूक्रेन में फिर से शांति, स्थिरता, क्षेत्रीय अखंडता और विकास हो सकेगा।
कंबोडियाई नेता ने आसियान का ‘क्षेत्रीय संवाद साझेदार’ बनने की यूक्रेन की आकांक्षाओं को समर्थन देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। टीएसी संधि की स्थापना वर्ष 1976 में की गयी थी जिसमें पक्षकार देश सभी देशों की स्वतंत्रता, संप्रभुता, समानता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय पहचान समेत अन्य चीजों के लिए परस्पर सम्मान के लिए प्रतिबद्धता जताते हैं।
Ukraine signs peace agreement with asean countries
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