संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने फिलिस्तीनियों और अन्य इस्लामी तथा गैर-इस्लामिक राष्ट्रों के एक अनुरोध पर बृहस्पतिवार को एक आपात बैठक बुलाई है। इस अनुरोध में इजराइल के एक कट्टर राष्ट्रवादी कैबिनेट मंत्री की यरुशलम स्थित पवित्र स्थल की यात्रा का विरोध करने, इजराइल की ओर से उकसावे की कार्रवाई समाप्त करने तथा मुसलमानों और यहूदियों के लिए पवित्र स्थल पर ऐतिहासिक यथास्थिति बनाये रखने की मांग की गयी है। इजरायल के नये राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर ने मंगलवार को यहूदियों के लिए टेंपल माउंट और मुसलमानों के लिए अल-हरम अल-शरीफ के रूप में चर्चित पवित्र स्थल की यात्रा की थी।
इसके बाद मुस्लिम जगत ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इससे अशांति की आशंका पैदा हुई है, क्योंकि फलस्तीनी उग्रवादीसमूहों ने इसके जवाब में कार्रवाई की धमकी दी है। संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने बुधवार को अरब देशों के राजदूतों, 57-सदस्यीय इस्लामी सहयोग संगठन, 120-सदस्यीय गुटनिरपेक्ष आंदोलन तथा अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि न केवल बेन-गविर की यात्रा को लेकर, बल्कि इज़रायल के इतिहास में सबसे चरमपंथी सरकार के इर्द-गिर्द व्यापक अतिवाद के वातावरण की कड़ी निंदा की गयी है।
उन्होंने इज़राइल पर न केवल अल अक्सा मस्जिद सहित मुस्लिम धर्मस्थलों के खिलाफ, बल्कि कब्रिस्तान सहित ईसाइयों के पवित्र स्थलों के खिलाफ आक्रामकता का आरोप लगाया है। टेम्पल माउंट को यहूदी लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान बताते हुए बेन-गविर ने इस स्थल पर यहूदियों की यात्रा के विरोध की कड़ी निंदा की है और इस नस्लवादी भेदभाव करार दिया है। पृष्ठभूमि में इस्लामिक धर्मस्थल डोम ऑफ द रॉक की ओर अपनी अंगुली से इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यात्राएं जारी रहेंगी।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि राजनीतिक और शांति बहाली मामलों के सहायक महासचिव खालिद खियारे बृहस्पतिवार की बैठक में सुरक्षा परिषद को स्थिति की जानकारी देंगे। संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन के राजदूत महमूद हमूद ने कहा कि उनका देश इजराइल के मंत्री बेन-गविर और इजरायल सरकार की घुसपैठ को लेकर बेहद चिंतित है। हमूद ने कहा, यह उग्रवाद की एक कार्रवाई है जो हिंसा का एक नया दौर शुरू करती है। सुरक्षा परिषद को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी और इस तरह के प्रयासों को रोकना होगा।
उन्होंने कहा कि इजराइल ने ऐतिहासिक कानूनी यथास्थिति और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन दुर्भाग्य से बेन-गविर ने इजराइल के कानूनी दायित्वों का उल्लंघन करते हुए अल-अक्सा मस्जिद में घुसपैठ की। उन्होंने चेतावनी दी, इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ा रुख अपनाना होगा, क्योंकि ऐसी घटना फिर होगी और यदि ऐसा हुआ तो हिंसा का एक नया दौर शुरू हो जाएगा।
बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री के रूप में अपना छठा कार्यकाल पिछले सप्ताह शुरू किया है। इस सरकार के लक्ष्यों में वेस्ट बैंक की बस्तियों का विस्तार करना और कब्जे वाले क्षेत्र को जोड़ना शामिल है। नेतन्याहू ने मंगलवार देर रात बेन-गविर की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इज़राइल पवित्र स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, यह दावा कि यथास्थिति में बदलाव किया गया है निराधार है।
Un emergency meeting on israeli minister visit to holy site
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