संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शनिवार को कहा कि दुनिया म्यांमा के मामले में नाकाम रही है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) अगले साल तक शांति के लिए अपनी योजना का पालन कराने को लेकर सदस्य देशों पर दबाव बनाने में सक्षम होगा।
नोम पेन्ह में आसियान के शिखर सम्मेलन में नेताओं ने शुक्रवार को एक योजना पर सहमति व्यक्त की, जिसके तहत 2023 में संगठन की अध्यक्षता संभालने वाले इंडोनेशिया पर म्यांमा के लिए मापदंड तय करने और शांति के लिए पांच सर्वसम्मत बिंदु को लागू करने की जिम्मेदारी होगी। इंडोनेशिया आसियान के उन सदस्यों में से है जो म्यांमा में स्थिति को संबोधित करने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता के बारे में सबसे अधिक मुखर रहा है।
गुतारेस ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें लगता है कि ‘‘इंडोनेशिया की सरकार सकारात्मक तरीके से एजेंडा को आगे बढ़ाने में सक्षम होगी।’’ आसियान के शुक्रवार को घोषित निर्णय में संगठन के प्रयासों का समर्थन करने में सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य ‘‘बाहरी भागीदारों’’ से पूछना शामिल है। गुतारेस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि म्यांमा के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत नोलीन हेजर देश में ‘‘मानवाधिकारों के उल्लंघन’’ को समाप्त करने के लिए आसियान समकक्ष के साथ मिलकर काम करेंगी।
गुतारेस ने कहा, ‘‘म्यांमा के संबंध में हर कोई नाकाम रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय समग्र रूप से नाकाम हो गया है और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा है।’’ आसियान की शांति योजना में हिंसा की तत्काल समाप्ति, सभी पक्षों के बीच बातचीत, आसियान के विशेष दूत द्वारा मध्यस्थता, मानवीय सहायता का प्रावधान और सभी पक्षों से मिलने के लिए विशेष दूत द्वारा म्यांमा की यात्रा का आह्वान किया गया है। म्यांमा की सरकार शुरू में योजना के लिए सहमत हुई लेकिन उसने इसे लागू करने के लिए बहुत कम प्रयास किए।
Un secretary general guterres said world has failed on troubled myanmar
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