Business

जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार, भविष्य में ले सकते हैं कठिन फैसले

जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार, भविष्य में ले सकते हैं कठिन फैसले

जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार, भविष्य में ले सकते हैं कठिन फैसले

नयी दिल्ली। विमानन कंपनी जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर बने अनिश्चितता के माहौल के बीच जालाना कालरॉक कंर्सोटियम ने शुक्रवार को कहा कि उसने दिवाला समाधान योजना की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और नकदी के प्रवाह को व्यवस्थित करने के लिए निकट भविष्य में उसे कठिन फैसले लेने पड़ सकते हैं। कंर्सोटियम की समाधान योजना को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पिछले वर्ष जून में मंजूरी दी थी। 
 
एयरलाइन को भी नागर विमानन महानिदेशालय से इस साल मई में हवाई परिचालन का प्रमाणपत्र मिल गया, उसके बावजूद जेट एयरवेज का परिचालन शुरू नहीं हुआ है। जालान कालरॉक कंर्सोटियम (जेकेसी) ने एक बयान में कहा कि हम एनसीएलटी की प्रक्रिया के मुताबिक कंपनी की कमान अपने हाथों में आने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इसमें कहीं अधिक समय लग रहा है जिसकी वजह से हमें निकट भविष्य में कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लेने होंगे जिससे कि नकदी के प्रवाह को व्यवस्थित और भविष्य को सुरक्षित किया जा सके क्योंकि एयरलाइन अभी तक हमारे अधिकार में नहीं आई है। जेकेसी ने कहा कि एयरलाइन को पुन: शुरू करने की दिशा में अहम प्रगति हो रही है। उसने आगे कहा कि हमने समाधान योजना की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और जेट एयरवेज को नए सिरे से शुरू करने की हमारी प्रतिबद्धता है।
 
इसमें आगे कहा गया कि एनसीएलटी की मंजूरी के बाद, समाधान योजना में बताई गई सभी शर्तों को 20 मई 2022 तक पूरा कर लिया गया था और इस बाबत आवश्यक फाइलिंग भी 21 मई 2022 को एनसीएलटी के समक्ष कर दी गई। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने पिछले महीने कंर्सोटियम को निर्देश दिया था कि वह एयरलाइन के कर्मचारियों को बकाया भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का भुगतान करे। पहले ऐसी योजना थी कि एयरलाइन को अक्टूबर 2022 तक शुरू कर दिया जाएगा।

Uncertainty remains about the future of jet airways difficult decisions can be taken in future

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero