Business

मारुति के चेयरमैन ने कहा, छोटी, बड़ी कारों के लिए एक समान कर ढांचा वाहन उद्योग के लिए अच्छा नहीं

मारुति के चेयरमैन ने कहा, छोटी, बड़ी कारों के लिए एक समान कर ढांचा वाहन उद्योग के लिए अच्छा नहीं

मारुति के चेयरमैन ने कहा, छोटी, बड़ी कारों के लिए एक समान कर ढांचा वाहन उद्योग के लिए अच्छा नहीं

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर सी भार्गव का मानना है कि देश में छोटी कारों पर नियामकीय बोझ सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय वाहन उद्योग का एक महत्वपूर्ण खंड है और सभी खंडों के वाहनों के लिए एक समान कर ढांचा क्षेत्र की वृद्धि की दृष्टि से अनुकूल नहीं है। भार्गव ने कहा कि अगर विनिर्माण क्षेत्र तेजी से बढ़ता, तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर कहीं ऊंची हो सकती थी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी सरकार के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र पीछे है।

इसकी वजह जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में अंतर है। भार्गव ने सोमवार शाम संवाददाताओं सेबातचीत में कहा, ‘‘छोटी कारों पर नियामकीय बदलावों का बोझ बड़ी कारों की तुलना में कहीं अधिक है। इसकी वजह से पूरे बाजार के ‘व्यवहार’ में परिवर्तन आया है। अब छोटी कारों की खरीदारी घटी है। मुझे लगता है कि यह कार उद्योग या देश के लिए अच्छी बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग के स्वस्थ विकास के लिए कारों के बाजार में नए ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि होनी चाहिए। कारों के स्वामित्व का आधार हर साल बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत में कार उद्योग एक ऐसा क्षेत्र बन गया है जहां छोटी कारों के खंड में कोई वृद्धि नहीं है। जो भी वृद्धि हो रही है, वह बड़ी कारों के खंड में है। वर्तमान में, वाहनों पर 28 प्रतिशत माल एवं सेवा (जीएसटी) के साथ वाहन के प्रकार के हिसाब से एक से 22 प्रतिशत का अतिरिक्त उपकर लगाया जाता है। पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों 60 से 100 प्रतिशत के बीच सीमा शुल्क लगता है। भार्गव ने इलेक्ट्रिक कारों के लिए कहा कि जीएसटी को पांच प्रतिशत रखा गया है चाहे वह छोटी कार है या बड़ी कार। वहां कर की दर में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी निराशा जताई कि वाहन क्षेत्र पर भारी कर लगाया जा रहा है, जो उद्योग वृद्धि को प्रभावित कर रहा है।

Uniform tax structure for small big cars not good for auto industry says maruti chairman

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero