पैगंबर मोहम्मद मामले में माफी मांगने के बावजूद हंगामा… यह संयोग है या प्रयोग ?
By DivaNews13 June 2022
पैगंबर मोहम्मद मामले में माफी मांगने के बावजूद हंगामा… यह संयोग है या प्रयोग ?
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा अपने दो पदाधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पार्टी के शीर्ष नेताओं और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के उन बयानों की श्रृंखला के अनुरूप है, जिसमें तीखी और आक्रामक धार्मिक बयानबाजी से उन्होंने अपने संगठनों की दूरी बनाने की कोशिश की थी। प्रभासाक्षी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम 'चाय पर समीक्षा' में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी। इसके अलावा कार्यक्रम में राज्यसभा चुनाव परिणाम की भी समीक्षा की गई।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने बताया कि कुछ लोगों को मुल्क की तरक्की पसंद नहीं है और यह लोग विकास कार्यों में अड़चन पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिषद को लेकर कई तरह के निशान दिखाई दिए। इस मामले में यह लोग ज्यादा कुछ बोल नहीं सकते थे। ऐसे में इनका गुस्सा कहीं और दिखाई दे रहा है। हालांकि यह मामला कोर्ट में है। इसके साथ ही उन्होंने आरएसएस प्रमुख के संबोधन की सराहना की और आरएसएस की हरिद्वार में हुई चिंतन बैठक का जिक्र किया। जहां पर वैमनस्व के भाव से बचने की सलाह दी गई।
आपको बता दें कि भाजपा से निलंबित हो चुकी नुपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद विभिन्न राज्यों के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। जिसमें उत्तर प्रदेश का प्रयागराज, झारखंड का रांची और पश्चिम बंगाल का हावड़ा शामिल है। इन इलाकों में भारी संख्या में उपद्रवी एकत्रित हुए और फिर जमकर बवाल काटा। इस दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और बमबारी की घटनाएं हुईं।
सबसे बड़ा सवाल तो यह खड़ा हो रहा है कि नुपुर शर्मा ने एक टीवी चैनल पर कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है और भाजपा ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। फिर विरोध प्रदर्शन क्यों ? क्योंकि शुरुआती दिनों में तो नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर कोई हंगामा नहीं हुआ लेकिन कानपुर हिंसा के बाद माहौल खराब होने लगा।
राष्ट्रपति चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव को प्रैक्टिस मैच के तौर पर देखा जा रहा है। जिसमें भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। 4 राज्यों की 16 सीटों के लिए हुए मतदान में भाजपा ने 8 सीटों पर कब्जा किया है। जबकि कांग्रेस को महज 5 सीटों पर ही जीत मिली है और पार्टी को सबसे बड़ा झटका हरियाणा में लगा है। जहां पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड दिया हुआ था, ताकि गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले अजय माकन को राज्यसभा भेजा जा सके। लेकिन अजय माकन ने यह चुनाव भी गंवा दिया। हालांकि यह कोई पहला चुनाव नहीं है जिसे अजय माकन ने गंवाया हो। उन्होंने विधानसभा चुनाव, विधानसभा उपचुनाव, लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना किया है। ऐसे में अजय माकन के लिए हार कोई नई नहीं है।
- अनुराग गुप्ता
Uproar despite apologizing in prophet muhammad case
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