छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत चावल के वितरण में अनियमितता करने का आरोप लगाया और सदन की समिति से जांच कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक सदन के गर्भगृह में आ गए और स्वत: ही निलंबित हो गए। सदन में उस समय अप्रिय स्थिति पैदा हो गयी जब भाजपा सदस्यों ने धरना देने के दौरान कुछ कागज फाड़े और उसे आसंदी की ओर फेंक दिया।
विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ में मार्च 2020 से नवंबर 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत केंद्र सरकार द्वारा वितरित किए जाने वाले मुफ्त चावल की मात्रा को लेकर सवाल किया। जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस अवधि के दौरान योजना के तहत राज्य को केंद्र से 27.10 लाख टन चावल का आवंटन प्राप्त हुआ था, जिसमें से 26.40 लाख टन चावल लाभार्थियों को वितरित किया गया था, जबकि 0.70 लाख टन चावल शेष है।
इस पर कौशिक, भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर सहित अन्य सदस्यों ने दावा किया कि योजना के तहत चावल के वितरण में अनियमितताएं हुई हैं। हालांकि, विपक्षी सदस्यों के इस आरोप का मंत्री ने खंडन किया। इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने सदन की एक समिति गठित कर कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। इस दौरान मंत्री के जवाब से असंतुष्ट, भाजपा के 12 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के एक सदस्य सदन के गर्भगृह में आ गए और स्वत: ही निलंबित हो गए। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित करने की घोषणा की और सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। सदन के फिर से शुरू होने के बाद इस विषय को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया जिसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा हो गया।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। जैसे ही सदन फिर से शुरू हुआ, अध्यक्ष ने कार्यसूची में सूचीबद्ध कार्यों को आगे बढ़ाया, लेकिन विपक्षी सदस्य नीचे बैठ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। इस बीच बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों की एक नहीं सुनी जा रही है। इसके बाद उन्होंने तथा कुछ अन्य भाजपा विधायकों ने कागज फाड़े और उसे आसंदी की ओर फेंक दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए। इसके बाद अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि विधायकों का कृत्य आसंदी की गरिमा के खिलाफ था। उन्होंने इसे अनुचित करार दिया। बाद में अध्यक्ष ने सूचीबद्ध कार्यों को समाप्त कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
Uproar in the house regarding prime ministers poor welfare scheme
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