वाशिंगटन। चीन से भले ही कोई खबरें सामने नहीं आती हो लेकिन अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं। चीनी तानाशाह शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ लोग सड़को पर उतर आये हैं। चीन को शक है कि इस विरोध प्रदर्शन को अमेरिका से शह मिल रही हैं। चीन अमेरिका को लगातार चेतावनी दे रहा है कि अमेरिका उनके आंतरिक मामलों से दूर रहे। चीन के झिंजियांग (China Xinjiang) में लोगों सकड़ों पर उतरकर लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। वह चीन की तानाशाही को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं। लोगों की मांग को दर-किनारा कर चीन लोगों पर पुलिस की लाठियां परसा रहा हैं। अपनी नाकामियों को दूसरों के सिर थोप रहा हैं। चीन लगातार इस विरोध प्रदर्शन के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मान रहा हैं। ऐसे में अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आयी हैं।
व्हाइट हाउस ने दिया चीन को जवाब
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका चीन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के लिए खड़ा रहेगा और उसका समर्थन करना जारी रखेगा। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका चीन में हो रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है। किर्बी ने कहा, ‘‘दुनिया भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के लिए हमारा संदेश एक समान और वही है कि लोगों को इकट्ठा होने और नीतियों या कानूनों का शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।’’
चीन में विरोध प्रदर्शन जारी
कोविड-19 के कारण लागू सख्त प्रतिबंधों को लकर चीन सरकार के खिलाफ समूचे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं जैसा कि आप हमसे उम्मीद करते हैं। हम एक बार फिर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ खड़े हैं और उसका समर्थन करते रहेंगे।’’ किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने इस वक्त चीन को किसी प्रकार की मदद देने की पेशकश नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनियाभर में कोविड-19 रोधी टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हमारे टीकों को प्राप्त करने में न तो चीन की कोई दिलचस्पी दिखी है और न ही उससे कोई अनुरोध मिला है।
चीन की जनता पिछले लंबे समय से कोरोना वायरस का कहर झेल रही हैं। जहां पूरे विश्व में लॉकडाउन को खत्म कर दिया हैं। वहीं चीन के कई बड़े शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ हैं। हाल ही में चीन के झिंजियांग (China Xinjiang) के एक अपार्टमेंट में आग लग गयी। लॉकडाउन के कारण दमकल सेवा समय पर नहीं पहुंची और 10 लोगों की मौत हो गयी। इस मौत के बाद चीन में कई जगहों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस तरह का विरोध प्रदर्शन चीन में 1989 में हुआ था। इसी कारण आज की चीनी परिस्थितियों की तुलना 1989 त्यानआनमेन चौक विरोध और नरसंहार (1989 Tiananmen Square protests and massacre) से की जा रही हैं। विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो सामने आये हैं। वीडिय़ो में आप देख सकते हैं कि शी जिनपिंग के खिलाफ लोग खुल कर सड़कों पर उतरे हैं, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देनी की गुहार लगा रहे हैं। तानाशाही से मुक्ति की मांग कर रहे हैं।
Us will continue to support the right to peaceful protest in china white house
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