खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 50 प्रतिशत से अधिक घटकर 2,690 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी को जिंसों की कीमतों में गिरावट और ऊर्जा की बढ़ती लागत से दोहरी बाधाओं का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाए जाने का भी कंपनी के शुद्ध लाभ पर असर पड़ा। वेदांता ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ घटकर 2,690 करोड़ रुपये रह गया।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 5,812 करोड़ रुपये था। कंपनी की आय 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 21 प्रतिशत बढ़कर 36,237 करोड़ रुपये हो गई। आलोच्य तिमाही में वेदांता का सकल ऋण 2,543 करोड़ रुपये घटकर 58,597 करोड़ रुपये रहा। सितंबर के अंत तक कंपनी के पास 26,453 करोड़ रुपये नकद के रूप में थे। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुनील दुग्गल ने कहा कि कच्चे माल की जिंसों में मुद्रास्फीति और कम उत्पादन वाले जिंसों की कीमतों में नरमी के साथ उच्च ऊर्जा लागत के कारण लाभ में गिरावट आई है। इसके अलावा अप्रत्याशित लाभ कर लगाने से कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से होने वाला लाभ भी छिन गया। कंपनी ने एक जुलाई को लागू अप्रत्यक्ष लाभ कर के मद में 519 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। दुग्गल ने कहा कि मौजूदा तिमाही में मुद्रास्फीति में नरमी और पर्याप्त कोयला भंडार के साथ स्थिति में सुधार हुआ है।
Vedantas september quarter earnings up 21 percent net profit down 50 percent
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