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‘योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि CPIM की सिफारिश पर होती है कुलपति की नियुक्ती’, आरिफ मोहम्मद खान का आरोप

‘योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि CPIM की सिफारिश पर होती है कुलपति की नियुक्ती’, आरिफ मोहम्मद खान का आरोप

‘योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि CPIM की सिफारिश पर होती है कुलपति की नियुक्ती’, आरिफ मोहम्मद खान का आरोप

केरल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तल्ख़ियां लगातार देखने को मिल रही है। इन सब के बीच एक बार फिर से केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगा दिया है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कह दिया है कि कुलपतियों की नियुक्ति उनकी योग्यता पर नहीं बल्कि सिफारिश के आधार पर होती है। अपने बयान में केरल के राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि पार्टी (CPIM) की सिफारिश पर नियुक्त होते हैं इसलिए एलडीएफ उन्हें नियंत्रित करता है। खान ने आगे कहा कि वे हर समय विश्वविद्यालयों के मामले में दखल दे रहे थे, जिससे मैं नाराज था। हस्तक्षेप विश्वविद्यालयों के विकास से संबंधित नहीं था। 
 

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राज्यपाल ने साफ तौर पर कहा कि यह ज्यादातर विभिन्न पदों पर बैठे माकपा नेताओं के रिश्तेदारों के बारे में था। उनकी सारी दिलचस्पी नियुक्तियों में थी। सीपीआईएम एक ऐसी पार्टी है जो हिंसा की वैधता में विश्वास करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कैराली मीडिया सीपीआईएम की प्रचार इकाई है। 1986 से मीडिया वन ग्रुप शाह बानो मुद्दे को लेकर मेरे खिलाफ पक्षपात कर रहा है। इससे पहले खान ने दो समाचार चैनलों के पत्रकारों को बाहर कर दिया था। खान ने उक्त दोनों समाचार चैनलों पर आरोप लगाया कि वे कैडर हैं जो मीडिया के तौर पर काम कर रहे हैं। हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने खान के इस कृत्य की कड़ी आलोचना की।
 

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केरल में ‘‘कुलीनतंत्र’’ की व्यवस्था है
केरल में राजभवन और वाम सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर खींचतान के बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शासित राज्य में ‘‘कुलीनतंत्र’’ की एक व्यवस्था है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि वाम संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें ‘‘गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी’’ दी थी। दूसरी ओर केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान को अदालत में मामले की सुनवाई होने तक उन कुलपतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है, जिन्हें उन्होंने कारण बताओ नोटिस भेजा था। 

Vice chancellor appointment on the recommendation of cpim alleges arif mohammad khan

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