अभिनेता विक्रम गोखले ने अभिनय के अपने लंबे सफर में मराठी से लेकर हिंदी फिल्मों और रंगमंच तथा छोटे पर्दे यानी टीवी तक पर अदाकारी का लोहा मनवाया है।एक कलाकार के तौर पर वह ‘अग्निपथ’ और ‘नटसम्राट’ में दिखे थे। उन्होंने वक्त के साथ अपने अभिनय को ढाला और अलग अलग मंचों पर विविध भूमिकाएं कीं। गोखले का 77 वर्ष की उम्र में पुणे के एक अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं।
वह उत्कृष्ट अभिनेता थे जो 2021 में आई मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ में आखिरी बार दिखे थे। उन्हें ‘अनुमित’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे असहाय व्यक्ति की भूमिका निभाई थी जिसकी आंखों के सामने उसकी पत्नी ‘कोमा’ में चली जाती हैं। गोखले का जन्म 14 नवंबर 1945 को हुआ था। वह तीसरी पीढ़ी के कलाकार थे। उनके पिता चंद्रकांत गोखले भी एक वरिष्ठ अभिनेता थे। वह मराठी सिनेमा के गायक भी थे। उनकी दादी कमलाबाई गोखले भारतीय फिल्म जगत की शुरुआती महिला बाल कलाकार थी।
अपने अभिनय करियर के अलावा, गोखले पिछले साल तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अभिनेत्री का कंगना रनौत का समर्थन किया था।रनौत ने यह कहकर विवादों में आ गई थी कि भारत को असली आज़ादी 2014 में मिली थी और 1947 में भारत को ‘भीख’ मिली थी। उन्होंने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच फिर से गठबंधन की वकालत की थी। ये दोनों दल 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर अलग हो गए थे। गोखले का संवाद व्यक्त करने का बेहतरीन अंदाज़ था। गोखले के लगभग 50 साल के करियर में अमिताभ बच्चन की खास भूमिका है।
गोखले ने शुरुआत में मराठी थिएटर में अभिनेता के तौर पर का काम किया और कई नाटक किए। उन्होंने 1971 में बच्चन अभिनीत फिल्म ‘ परवाना’ से बॉलीवुड में अपने सफर का आगाज़ किया। इसके 19 साल बाद, 1990 में उन्होंने ‘अग्निपथ’ में फिर से बच्चन के साथ काम किया। फिल्म में गोखले ने पुलिस अधिकारी एमएस गायटोंडे का किरदार निभाया और यह भूमिका उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है। इसके बाद उन्होंने ‘खुदा गवाह’ (1992) और ‘एबी आणी सीडी’ (2020) में बच्चन के साथ काम किया। अभिनेता को अक्सर ऐसी भूमिकाएं निभाते देखा गया जिसका एक रुतबा होता था।
चाहे ‘अग्निपथ’ हो, ‘भूल भुलैय’ (2007), ‘नटसम्राट’ (2015), ‘अय्यारी’ या फिर ‘मिशन मंगल’ (2019) हो। वर्ष 1999 में गोखले संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में दिखे। इस फिल्म में उन्होंने पंडित दरबार का किरदार निभाया और अभिनय का जबर्दस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने चैंपियन , तुम बिन , लकी: नो टाइम फॉर लव , मैं ऐसा ही हूं और भूल भुलैया जैसी हिंदी फिल्मों में काम किया। गोखले ने 2010 की मराठी फिल्म आघाट से निर्देशन की ओर रुख किया, जिसमें उन्होंने अभिनय भी किया। टेलीविज़न में उनका करियर भी दशकों का है।उन्होंने यादगार टीवी धारावाहिक “उड़ान” में अभिनय किया जो 1989 से 1990 तक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ।
इसके अलावा उन्होंने अल्पविराम , संजीवनी , विरुद्ध , जीवन साथी और मेरा नाम करेगी रोशन में भी काम किया था। साल 2020 में वह उन्हें सोनी लिव की सीरीज अवरोध: द सीज विदिन में भी दिखे थे। अभिनेता ने 2016 में गले की बीमारी के कारण थिएटर से सन्यास लेने कीघोषणा की थी लेकिन फिल्मों में काम करना जारी रखा। उनके निधन पर अभिनेता अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन समेत भारतीय सिनेमा के कई कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है।
कुमार ने गोखले के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने भूल भुलैया और मिशन मंगल जैसी फिल्मों में उनके साथ काम किया तो उन्होंने गोखले से बहुत कुछ सीखा। वहीं बाजपेयी ने कहा कि भारतीय सिनेमा ने एक रत्न खो दिया है और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदनाएं कीं। उनके अलावा, ‘शेफ’ और अभिनेता रणवीर बराड़, टंडन, फिल्मकार अशोक पंडित और अभिनेता राहुल देव ने भी गोखले के निधन पर दुख व्यक्त किया।
Vikram gokhale made his performance iron from big to small screen and theater
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