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कजाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान

कजाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान

कजाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान

कजाकिस्तान में मध्यावधि चुनाव के लिए रविवार कोमतदान किया जाएगा, जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति कासिम जोमारत तोकाइफ को जीत मिलने की स्पष्ट संभावना जतायी जा रही है। ताइवान में इस साल की शुरुआत में हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने के मिले थे, जिसके बाद तोकाइफ ने देश में लंबे समय से शक्तिशाली रहीं कुछ हस्तियों को किनारे लगाना शुरू कर दिया था। तोकाइफ के खिलाफ पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। अक्टूबर के अंत में बहुत कम अवधि के लिए चुनाव प्रचार शुरू हुआ था, जिसके चलते इन उम्मीदवारों को प्रचार करने के लिए थोड़ाही समय मिल पाया।

अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे तोकाइफ ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर चुनावी परिचर्चा से दूरी बनाए रखी। तोकाइफ ने लंबे समय से कजाकिस्तान के सहयोगी रूस से देश को दूर रखने के लिए कदम उठाए हैं, जिनके बीच ये चुनाव हुए हैं। चुनाव जीतने वाले को सात साल का कार्यकाल मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कजाकिस्तान उन यूक्रेनी क्षेत्रों को मान्यता नहीं देता है जिन्हें रूस ने फरवरी में शुरू हुए युद्ध के आरंभ में संप्रभु राज्य घोषित कर दिया था।

इस साल सितंबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध के लिए लोगों को भर्ती करने का आदेश जारी किया था, जिसके बाद हजारों लोग रूस से भागने लगे। इन लोगों को कजाकिस्तान ने अपने यहां शरण दी है। साल 2019 में नूरसुल्तान नजरबायेव के इस्तीफा देने के बाद तोकाइफ राष्ट्रपति बने थे। तब यह माना जा रहा था कि वहनजरबायेव की तरह ही तानाशाही शासन करेंगे, जोकजाकिस्तान को सोवियत संघ से स्वतंत्रता मिलने के बाद से देश की बागडोर संभाल रहे थे।

नजरबायेव राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख होने के नाते काफी प्रभावशाली रहे और उनके सम्मान में राजधानी का नाम बदल नूरसुल्तान कर दिया गया। ईंधन के दामों में वृद्धि के चलते इस साल जनवरी में कजाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन हुए। प्रांतों में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने वाणिज्यिक राजधानी अल्माती समेत अन्य शहरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद इन प्रदर्शनों ने राजनीतिक रूप ले लिया और प्रदर्शनकारी नजरबायेव की ओर इशारा करते हुए “बूढ़े व्यक्ति को हटाओ” के नारे लगाने लगे। इन प्रदर्शनों के दौरान 220 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकतर प्रदर्शनकारी थे। हिंसा के बीच तोकाइफ ने नजरबायेव को सुरक्षा परिषद के प्रमुख के पद से हटा दिया और राजधानी का नाम फिर से अस्ताना कर दिया।

Voting for the presidential election in kazakhstan on sunday

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