हम चीन से 1962 युद्ध हार चुके हैं, यह बात भूले नहीं हैं, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- हमें ताकत बढ़ानी होगी
26/11 मुंबई हमले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इतने वर्षों बाद भी जिन लोगों ने मुंबई हमले की योजना बनाई थी, उन्हें सजा नहीं मिली है। यह ऐसा मुद्दा है जिसे हम अत्यधिक महत्व देते हैं। हम बहुत से ऐसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिनके नागरिकों ने इस आतंकी हमले में जान गंवाईं हैं। हमने दो विशेष मित्रों और पड़ोसियों के रूप में भूटान के साथ भारत के द्विपक्षीय सहयोग में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है।
1962 के युद्ध को हम नहीं भूले
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमारा निकटतम पड़ोसी है। लेकिन उसके साथ हमारा एक कटु इतिहास रहा है। वो इतिहास 1950 के दशक और पाकिस्तान के साथ चीन के संबंधों तक जाता है। जहां तक सुरक्षा से संबंधित चिंताओं की बात है तो इससे निपटने का सही तरीका ये है कि जरूरत के अनुसार हम मजबूत और दृढ़ रहे। हम चीन के साथ 1962 का युद्ध हार चुके हैं। ये बात हमें प्रभावित करना जारी रखे हुए है। चीन ने हमसे बरसों पहले ही आर्थिक सुधार शुरू कर दिया था। हमारे देश में कई साल बाद आर्थिक सुधार शुरू किया गया।
पीएसएलवी-सी54 रॉकेट के लॉन्च पर विदेश मंत्री ने कहा कि डॉ. एस जयशंकर, ओशनसैट -3 और 9 नैनोसैटेलाइट ले जा रहे हैं, जिसमें भूटान का एक उपग्रह भी शामिल है। हमने दो विशेष मित्रों और पड़ोसियों के रूप में भूटान के साथ भारत के द्विपक्षीय सहयोग में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। इसरो और भूटान की ओर से अंतरिक्ष इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की समर्पित टीम के सहयोगात्मक प्रयासों का आज भूटान के इस उपग्रह के प्रक्षेपण में समापन हुआ है।
We have not forgotten the 1962 war with china foreign minister jaishankar said