रूस को बर्बाद करने का सपना देखने वाले पश्चिमी देशों को करारा झटका लगा है। रू की मदद के लिए उसका पुराना दोस्त भारत साथ आया है और प्राइस कैप का समर्थन न करते हुए पश्चिमी देशों की मंशा पर पानी फेर दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने प्राइस कैप का समर्थन न करने पर भारत सरकार की तारीफ की है। रूस में भारत के राजदूत पवन कुमार के साथ एक बैठक में उपप्रधानमंत्री एलेंक्जेंडर नोवाक ने कहा कि उर्जा संसाधनों की आपूर्ति के लिए रूस अपने दायित्वों को मजबूती से निभा रहा है और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को पेट्रोलियम का निर्यात बनाए हुए है।
यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात करना जारी रखा, इसके लिए हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं। गौरतलब है कि 5 दितंबर को अमेरिका और जी7 देशों ने रूस के तेल और गैस के प्राइस कैप लगाने की बात कही थी। लेकिन भारत ने इस फैसले का समर्थन नहीं किया था। आपको बता दें कि अगर ये प्राइस कैप लागू हो गया तो रूस के तेल की कीमत 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल हो सकती है। इसका मतलब है कि रूस इससे सस्ते या महंगे दाम पर क्रूड ऑयल नहीं बेच पाएगा।
पुतिन ने जी7 देशों के इस फैसले को बेवकूफी भरा बताते हुए कहा था कि पश्चिमी देशों की तरफ से लगाया जाने वाला ये प्रतिबंध बाजार के सिद्धांतों के खिलाफ है। पुतिन ने साफ लहजे में चेतावनी देते हुए कहा था कि रूस प्राइस कैप का समर्थन करने वाले देशों को तेल नहीं बेचेगा।
Western countries move to destroy russia going against g7 india support
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