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बधाई के बहाने जिनपिंग की शरण में शरीफ, संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के चीन यात्रा के क्या मायने?

बधाई के बहाने जिनपिंग की शरण में शरीफ, संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के चीन यात्रा के क्या मायने?

बधाई के बहाने जिनपिंग की शरण में शरीफ, संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के चीन यात्रा के क्या मायने?

भारत से दुश्मनी के चक्कर में कंगाल हो चुका पाकिस्तान अपनी जनता का पेट भरने के लिए कभी अमेरिका तो कभी चीन के आगे कटोरा फैलाने को मजबूर है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रिझाने के लिए चीन पहुंच गए हैं। अपने सदाबहार दोस्त चीन पहुंच कर वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। शी जिनपिंग के तीसरी बार लगातार चीन के राष्ट्रपति बनने पर बधाई देने के लिए 2 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ बीजिंग पहुंचे। इस यात्रा में शाहबाज शरीफ दोनों देशों के बीच दोस्ती को मजबूत करने और पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। 

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शाहबाज शरीफ की चीन की ये पहली यात्रा है। पाकिस्तान में इस समय राजनीतिक गतिरोध चल रहा है। वहां पर चीनी कामगारों पर बार-बार हो रहे हमलों से बीजिंग की चिंता बढ़ रही है। साथ ही शरीफ की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब नगदी की तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान कर्ज के भुगतान और व्यापार के घाटे के कम करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान पर संयुक्त रूप से 10.7 अमेरिकी डॉलर का बकाया है। शरीफ जहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे वहीं प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी करेंगे। 

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विदेश मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि शरीफ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। जिसमें विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी शामिल होंगे। इस मुलाकात से पहले शरीफ ने चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स में एक लेख भी लिखा। पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जित की अपनी उपलब्धियोमं को गिनवाते हुए जिसके माध्यम से उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ रखने और व्यापार को बढ़ाने के लिए वो उपयुक्त लीडर हैं। 

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