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What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण

What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण

What is Pneumonia: जानलेवा हो सकता है निमोनिया, जानें क्या हैं इसके लक्षण

निमोनिया बच्चों की आम बीमारी है दो साल से कम उम्र के बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है 65 साल  से अधिक के बुजुर्ग भी इसका शिकार होते है। डाइबिटिक या जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित है उनको भी निमोनिया हो सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। निमोनिया एक वायरल इंफेक्शन है यह फ्लू के इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है। इस बीमारी को ठीक होने में समय लगता है।  अगर समय पर इलाज कराया जाये तो मरीज एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकता हैं। संक्रमण बढ़ने पर ठीक होने में समय लगता है।

क्या है निमोनिया
निमोनिया फेफड़ो की बीमारी है जिसमे फेफड़ों के एयरबैग्स जिन्हे एल्वियोली कहा जाता है में तरल या मवाद भर जाता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। स्वस्थ फेफड़े ब्रीथिंग के दौरान ऑक्सीजन से भर जाते है जबकि निमोनिया में मरीज के फेफड़ो में तरल भरा होता है जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि निमोनिया का इलाज सही समय ना कराया जाये तो मरीज की मौत भी हो सकती है। निमोनिया का संक्रमण पूरे फेफड़े में ना होकर किसी एक हिस्से में हो तो इसे लोबर निमोनिया कहा जाता है।

निमोनिया के प्रकार
निमोनिया पांच तरह का होता है।
बैक्टीरियल निमोनिया
वायरल निमोनिया
माइकोप्लाज्मा निमोनिया
फंगल निमोनिया
एस्पिरेशन निमोनिया

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निमोनिया के लक्षण
सांस लेने में कठिनाई
बहुत ज्यादा थकान
उलटी और जी मिचलाना
सीने में घरघराहट और खांसी
बुखार होना
खांसी के साथ बलगम आना
 पसीना आना और ठण्ड लगना

क्यों होता है निमोनिया
दो साल से छोटे बच्चे बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण निमोनिया का शिकार हो सकते हैं। पोषक तत्वों की कमी और फंगल इंफेक्शन भी निमोनिया का कारण हो सकते हैं। बच्चों के फेफड़ों में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण  एयर पॉकेट्स में सूजन होती है और उनमें पस भर जाता है जिससे सांस लेने में समस्या होती है और ब्रीथिंग के दौरान सीने से दर्द और जकड़न होती है। छोटे बच्चों में खांसी और सांस लेने दिक्कत और घरघराहट के लक्षण देखे जाते हैं।

निमोनिया की जांच
सीटी स्कैन
सीटी स्कैन में आपके फेफड़ो की तस्वीर लेकर उसकी जांच की जाती है और  निमोनिया का पता लगाया जाता है।

एक्सरे
एक्सरे की सहायता से यह पता लगाया जाता है क्या आपके फेफड़ों में सूजन या निमोनिया का इंफेक्शन है।

पल्स ऑक्सीमीटर
पल्स ऑक्सीमीटर के द्वारा आपके ब्लड में ऑक्सीजन लेवल का पता करके निमोनिया का पता किया जाता है।

ब्रॉन्कोस्कोपी
ब्रॉन्कोस्कोपी में एक ट्यूब की मदद से गले और फेफड़ो की जांच की जाती है इसके द्वारा निमोनिया का पता किया जाता है।

निमोनिया का इलाज
निमोनिया का इलाज एंटी बायोटिक दवाओं के द्वारा किया जाता है ।अगर एंटी बायोटिक दवाओं से आपको  रहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर आपको एंटी वॉयरल दवाएं देते हैं। यदि आपको फंगल निमोनिया है तो आपको एंटी फंगल दवाये दी जाती हैं। निमोनिया से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए आपको दवाओं का पूरा कोर्स लेना होता है।

सावधानियां
निमोनिया में दूध या दूध से बने पदार्थों का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। निमोनिया से इन्फेक्टेड लोगों से दूर रहना चाहिए। धूम्रपान निमोनिया की समाया को बढ़ा सकता है इससे दूर रहें। खास्तें और छीकते समय मुंह को ढकें।  छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए।

What is pneumonia and its sypmtoms

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