चालू रबी (सर्दियों) के मौसम में अब तक गेहूं की बुआई का रकबा 3.18 प्रतिशत बढ़कर 312.26 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि फसल की संभावनाएं अच्छी हैं क्योंकि मौजूदा मौसम पौधों के विकास और बेहतर पैदावार के लिए काफी अनुकूल है। मुख्य रबी (सर्दियों) की फ़सल, गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है जबकि कटाई अप्रैल में होती है। सरसों और चना 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के रबी मौसम में बोई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सत्र में 23 दिसंबर तक 312.26 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 302.61 लाख हेक्टेयर था। मंत्रालय ने कहा, इस प्रकार पिछले साल की तुलना में 9.65 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को गेहूं खेती के दायरे में लिया गया है। खेती के अधिक रकबा होने की सूचना राजस्थान (1.99 लाख हेक्टेयर) से है। इसके बाद गुजरात (1.74 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (1.57 लाख हेक्टेयर), बिहार (1.51 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.43 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (0.83 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.64 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.24 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.23 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.15 लाख हेक्टेयर) और असम (0.01 लाख हेक्टेयर) से अधिक खेती का रकबा होने की सूचना है।
रबी सत्र में छोटे पैमाने पर उगाए जाने वाले चावल की बुआई अब तक 14.42 लाख हेक्टेयर के अधिक रकबे में की गई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 12.60 लाख हेक्टेयर था। दालों के मामले में, रबी दलहन की बुवाई का कुल रकबा एक साल पहले के 144.64 लाख हेक्टेयर से अब तक मामूली रूप से बढ़कर 148.54 लाख हेक्टेयर हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, दालों में, चने का रकबा तुलनात्मक अवधि के दौरान 102.65 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ा बढ़कर 103.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।
चालू रबी सत्र में अब तक तिलहन की बुवाई 101.47 लाख हेक्टेयर के अधिक रकबे में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 93.28 लाख हेक्टेयर था। आंकड़ों से पता चलता है कि तिलहन में सरसों की बुवाई 92.67 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो रकबा पिछले साल समान अवधि में 85.35 लाख हेक्टेयर था। सभी रबी फसलों के खेती का कुल रकबा भी इस रबी सत्र में अब तक बढ़कर 620.62 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 594.62 लाख हेक्टेयर था।
Wheat area increased by 318 percent to 31226 lakh hectare higher yield expected
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