सात साल पहले दिल्ली आये महान फुटबॉलर पेले ने कहा था ,‘‘ मेरे लिये दुनिया के सबसे बड़े खेल का आनंद भारत में बच्चों के साथ लेना फख्र की बात है।’’ पेले अक्टूबर 2015 में दिल्ली आये थे और फुटबॉल के अपने फन के कारण नहीं बल्कि अपनी विनम्रता और इस खूबसूरत खेल के दूत के रूप में लोगों का दिल जीत लिया था। दो दिन की यात्रा पर उन्होंने भारतीय फुटबॉलप्रेमियों और लोगों से बात की थी। वह 17 अक्टूबर 2015 को अंबेडकर स्टेडियम पर सुब्रोतो कप अंडर 17 इंटर स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में मुख्य अतिथि थे। वह कोलकाता से दिल्ली आये थे।
वह 2018 में फिर दिल्ली आये लेकिन एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में। कोलकाता ने जहां पेले के फन का जादू देखा तो दिल्ली ने फुटबॉल के दूत के रूप में उनके व्यक्तित्व का एक दूसरा पहलू जाना। वह फुटबॉल में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में जुटे ‘एक बेहद खास देश’ की मदद करना चाहते थे। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा था ,‘‘ आपको बेस बनाना होगा। भारत बहुत खास देश है और यहां के प्रशंसक जबर्दस्त हैं। मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा से भविष्य के चैम्पियन खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी।’’
दिल्ली फुटबॉल संघ के पूर्व अध्यक्ष और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के मौजूदा महासचिव शाजी प्रभाकरण ने कहा ,‘‘ पेले ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया। हमने कोलकाता और दिल्ली में उनके लिये फुटबॉलप्रेमियों की दीवानगी देखी।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ उनका जन्मदिन दिल्ली में ग्रासरूट्स डेवलपमेंट डे के रूप में मनाया जाता है। फुटबॉल दिल्ली ने पिछले साल यह फैसला लिया था।
When pele enjoyed football with school children in delhi
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