व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो. बाइडन इस बारे में नहीं जानते कि उनके निजी आवास एवं निजी कार्यालय के गैराज में मिले गोपनीय दस्तावेजों में क्या है और उन्होंने इस घटना को ‘‘काफी गंभीरता’’ से लिया है। अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने वाशिंगटन, डीसी में पेन बाइडन सेंटर और विलमिंगटन, डेलवेयर में राष्ट्रपति के निजी आवास में मिले गोपनीय दस्तावेजों की जांच के लिए रॉबर्ट हूर को विशेष अधिकारी नियुक्त किया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिकी लोगों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति ने कहा है कि वह गोपनीय दस्तावेजों और सूचनाओं को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इस बारे में कुछ भी कहने से नहीं कतराएंगे और वह घटना को लेकर खुद आश्चर्यचकित हैं। बाइडन के सहयोगियों को जो गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, वे संभवतः 2009 से 2016 तक उनके उपराष्ट्रपति रहने के दौरान के हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘वह (राष्ट्रपति) नहीं जानते कि दस्तावेजों में क्या है। इन दस्तावेजों को उनके यहां मिलने के तुरंत बाद न्याय विभाग के अभिलेखागार में भेज दिया गया।’’
ओबामा प्रशासन के समय के माने जा रहे इन गोपनीय दस्तावेजों के बाइडन के यहां मिलने से देश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और इसकी तुलना बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप से की जा रही है। सीनेट न्यायिक समिति के अध्यक्ष डिक डर्बिन ने कहा कि दोनों घटनाओं में अंतर है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने जहां सैकड़ों गोपनीय दस्तावेजों को बरामद करने के प्रयासों में बार-बार बाधा डालने का प्रयास किया, वहीं राष्ट्रपति बाइडन की टीम ने तुरंत राष्ट्रीय अभिलेखागार को रिकॉर्ड सौंप दिया। इस बीच, कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति बाइडन से उन सभी लोगों के नाम जारी करने की मांग की, जिन्होंने डेलवेयर स्थित उनके घर का दौरा किया था।
White house said biden doesnt know whats in the classified documents he found here
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