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महंगाई और मोदी का क्या है कनेक्शन ? चुनाव खत्म होते ही क्यों महंगी हो रही चीजें

महंगाई और मोदी का क्या है कनेक्शन ? चुनाव खत्म होते ही क्यों महंगी हो रही चीजें

महंगाई और मोदी का क्या है कनेक्शन ? चुनाव खत्म होते ही क्यों महंगी हो रही चीजें

प्रभासाक्षी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा कार्यक्रम में इस सप्ताह महंगाई और विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम के बाद देश की राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने विस्तार से महंगाई के पीछे की वजहों का उल्लेख किया और विपक्षी मोर्चा बनाने की कवायद में कौन मजबूत नजर आ रही है, इसकी जानकारी भी दी। 

उल्लेखनीय है कि भारत में बढ़ती महंगाई के खिलाफ पूरा विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। मोदी सरकार वैश्विक हालात को महंगाई का कारण बता रही है तो विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार आम आदमी की जेब काटकर अपना खजाना भर रही है और चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुँचा रही है। 

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वहीं, कांग्रेस पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में क्या हारी, वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की रेस से भी बाहर होती दिख रही है। 2024 में विपक्ष का नेता कौन होगा इसके लिए वैसे तो कई नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। ममता बनर्जी, केसीआर जैसे नेताओं ने तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू की। लेकिन कांग्रेस के अलावा अगर दूसरी कोई विपक्षी पार्टी मजबूत दिखाई दे रही है तो वह आम आदमी पार्टी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी सरकार का गठन किया और गोवा में भी उनके दो विधायक मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त आम आदमी पार्टी ने गुजरात और चंडीगढ़ के निकाय चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। उनका काडर भी मजबूत हो रहा है और पार्टी ने मिशन गुजरात की शुरुआत भी कर दी है।

मिशन गुजरात के तहत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अहमदाबाद में रोड शो किया और साबरमती आश्रम का भी दौरा किया।

चुनाव समाप्त, महंगाई शुरू
विधानसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद एक बार फिर से तेल की कीमतों में इजाफा होना शुरू हो चुका है। 3 अप्रैल दिन रविवार तक तेल की कीमतों में भारी इजाफा देखा गया और आने वाले दिनों में भी बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है। वाहन ईंधन कीमतों में रविवार को लगभग दो सप्ताह में 11वीं बार बढ़ोतरी की गई। इससे देश के सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है। वहीं कुछ स्थानों पर डीजल भी शतक को पार कर गया है।

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पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 80-80 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं। पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 102.61 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 103.41 रुपए प्रति लीटर हो गई है। वहीं डीजल का दाम 93.87 रुपए से बढ़कर 94.67 रुपए प्रति लीटर हो गया है। देशभर में स्थानीय करों की वजह से वाहन ईंधन कीमतों में अंतर होता है। यह वाहन ईंधन कीमतों में 22 मार्च से 11वीं वृद्धि है। इससे पहले करीब साढ़े चार माह तक वाहन ईंधन के दाम नहीं बढ़ाए गए थे। कुल मिलाकर इस दौरान पेट्रोल आठ रुपए लीटर महंगा हुआ है। 

वाहन ईधन के अलावा कमर्शियल सिलेंडर के दाम में एकसाथ 250 रुपए का इजाफा हुआ है। इसी बीच प्रभासाक्षी के संपादक ने बताया कि विपक्षी पार्टियां इसलिए ऐसा कह रही थी कि चुनाव खत्म होते ही तेल के दाम बढ़ना शुरू होंगे क्योंकि जब वह सत्ता में थीं तब भी ऐसा ही होता था।

- अनुराग गुप्ता

Why are things getting expensive as soon as the elections are over

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