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1991 में USSR को दी गई थी सदस्यता, रूस को संयुक्त राष्ट्र से बाहर करने की मांग क्यों उठने लगी?

1991 में USSR को दी गई थी सदस्यता, रूस को संयुक्त राष्ट्र से बाहर करने की मांग क्यों उठने लगी?

1991 में USSR को दी गई थी सदस्यता, रूस को संयुक्त राष्ट्र से बाहर करने की मांग क्यों उठने लगी?

रूस के खिलाफ युद्ध के मोर्चे पर न केवल यूक्रेन उसे करारा जवाब दे रहा है बल्कि वो कूटनीतिक रणनीति पर भी काम कर रहा है। यूक्रेन ने रूस को संयुक्त राष्ट्र से हटाने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र से यूक्रेन को हटाने की मांग की विदेश मंत्री दिमीत्री कुलेबा ने भी पुष्टि की है। यूक्रेन ने अपनी मांग के पीछे तर्क दिया है कि 1991 में रूस को नहीं बल्कि यूएसएसआर को सीट दी गई थी। इसलिए उनकी सदस्यता नजायज है। पर क्रिमलिन का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे। इस बीच यूक्रेन का पटलवार भी जारी है। 

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रूसी समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि यूक्रेन ने रूस के अंदर घुसकर उसके एयरबेस पर जबरदस्त हमला किया है। जिसमें तीन सैनिकों की मौत हो गई। सेराटोज क्षेत्र में रूस के एंगल एयरबेस पर यूक्रेनी ड्रोन ने ये हमले किए। इस बीच  बेलारूस का कहना है कि रूसी इस्कंदर मिसाइल सिस्टम इस्तेमाल के लिए वो तैयार है। बेलारूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इस्कंदर सामरिक मिसाइल प्रणाली और एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को रूस ने बेलारूस में तैनात किया है।

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रूसी सेना का कहना है कि उसने देश के अंदरूनी हिस्से में स्थित हवाई सैन्य अड्डे की ओर आ रहे एक यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। इस महीने में दूसरी बार रूस के हवाई सैन्य अड्डे को निशाना बनाने का प्रयास किया गया है और देश में इतने भीतर तक ड्रोन के घुस आने को लेकर देश की हवाई सुरक्षा क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि घटना सोमवार तड़के की है और एंजिल्स एयरबेस पर मलबे की चपेट में आकर तीन सैनिकों की मौत हो गई।  

Why did the demand to exclude russia from the united nations arise

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