Reviews on tea

गुजरातियों को क्यों भाता है कमल का फूल? क्यों दूसरे दलों को मिलती है सिर्फ धूल

गुजरातियों को क्यों भाता है कमल का फूल? क्यों दूसरे दलों को मिलती है सिर्फ धूल

गुजरातियों को क्यों भाता है कमल का फूल? क्यों दूसरे दलों को मिलती है सिर्फ धूल

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी चर्चा का विषय हमने राजनीतिक ही रखा। इस कार्यक्रम में हमेशा की तरह प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे भी मौजूद रहे। हमने पहला सवाल नीरज दुबे से यही पूछा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान आखिर गृह मंत्री अमित शाह को 2002 का जिक्र क्यों करना पड़ा? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि अराजक तत्व को, हिंसा फैलाने वालों को, समाज में घृणा फैलाने वालों को, ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाना बहुत जरूरी होता है, तभी किसी भी राज्य में शांति स्थापित हो पाती है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ऐसा करने वालों को सबक सिखाया जाना चाहिए। दिल्ली दंगे के दौरान कि हमने देखा कि कैसे हिंसा और उपद्रव फैलाने वालों को सबक सिखाने का काम किया गया और उनके दोषियों को जमानत तक नहीं मिल पा रही है। शांति व्यवस्था को कायम रखना यही तो सरकार की प्राथमिकता है। उपद्रवी तत्व को सबक इसलिए सिखाए गया क्योंकि शांति स्थापित करनी थी और शांति से ही किसी राज्य की प्रगति जुड़ी होती है। 

नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार में गुजरात में शांति व्यवस्था सुदृढ़ हुई। तभी तो वह विकास के मार्ग पर अग्रसर है और देश के विकसित राज्यों में एक है। गुजरात में सुरक्षा सिर्फ नागरिक को ही नहीं बल्कि निवेशक को भी है। तभी तो निवेशक बुलंद हौसलों के साथ गुजरात में निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि तमाम कंपनी गुजरात में निवेश करने को लेकर आतुर रहती हैं क्योंकि सरकार की पॉलिसी काफी अच्छी है। सरकार का रवैया भी निवेशकों के लिए हितैषी है। निवेश हो रहा तो कई कंपनी आ रही हैं। कंपनियां है तो कई राज्यों से लोग भी वहां पहुंच रहे हैं। रोजगार है। राज्य में विकास है। उन्होंने दावा किया कि आज पूरे देश में सबसे सुरक्षित राज्य गुजरात है जहां रात को 2:00 भी महिला अकेले स्कूटी चला कर कहीं जा सकती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के वातावरण गुजरात में नहीं थे। यही कारण है कि भाजपा को यह याद दिलाना पड़ रहा है कि हमने गुजरात को कितना परिवर्तित कर दिया। 

इसे भी पढ़ें: आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखने वालों और विकास के विरोधियों से सावधान रहे गुजरात की जनता

प्रभासाक्षी के संपादक ने यह भी कहा कि गुजरात में 27 सालों से भाजपा सत्ता में है। 2002 से लेकर 2020 के बीच में जो नई पीढ़ी आई है, उसको यह बताना जरूरी है कि अगर आप वोट डालने जाते जा रहे है तो याद रखिए कि पहले ऐसा भी होता था। उन्होंने कहा कि नया वोटर जो है उसे पता होना चाहिए कि पहले क्या था और अब क्या है। नीरज दुबे ने कहा कि गुजरात चुनाव की दिशा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है। उनकी रैलियों को देखे तो प्रधानमंत्री इस बात को लगातार उठा रहे हैं कि यह विधायक या सरकार बनाने का चुनाव नहीं है बल्कि गुजरात के 25 सालों का भविष्य है। नीरज दुबे ने कहा कि अपने चुनावी रैलियों के दौरान गुजरात को बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री ने सभी गुजरातियों को दिया है और यही कारण है कि गुजरात में मोदी ने चुनाव की पूरी दिशा बदल दी है। संपादक ने साफ तौर पर कहा कि गुजरात में फ्री का जो वादा है वह कहीं से भी काम करता दिखाई नहीं दे रहा है। 

AAP- कांग्रेस का कमजोर प्रचार
गुजरात में कांग्रेस और आप का प्रचार काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि हमने नीरज दुबे से पूछा कि आखिर विपक्ष गुजरात में इतना कमजोर क्यों दिखाई दे रहा है? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि गुजरात में नेता जाकर जो हवाबाजी कर रहे थे, वह अब जनता को समझ में आने लगी है। उन्होंने भगवंत मान के एक रोड शो का उदाहरण भी दिया जहां एक भी लोग मौजूद नहीं थे। नीरज दुबे ने इस बात को कहा कि गुजरात में चुनावी रैलियों में विपक्षी नेताओं के समक्ष एक समस्या यह भी है कि उनकी रैलियों में भीड़ उस तरीके से नहीं आ रही है। इसके कई कारण भी हो सकते हैं। लेकिन कहीं ना कहीं यह बात पता है कि गुजरात में अब एक तरफा प्रचार दिखाई दे रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने गुजरात में बहुत कुछ झोंक दिया है। इसलिए वह अभी भी लड़ाई लड़ने की कोशिश में है। लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने इस चुनाव से पहले ही हथियार डाल दिया है।

- अंकित सिंह

Why do gujaratis like the lotus flower why other parties get only dust

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero