नोटबंदी पर क्यों मिली क्लीन चिट ? क्या भारत यात्रा से तपस्वी को मिलेगी सत्ता?
प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने देश दुनिया की विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने पहला सवाल नोट बंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही पूछा। इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि मोदी सरकार के जो बड़े आर्थिक फैसले हैं, उसमें नोटबंदी और जीएसटी सबसे शामिल है। उन्होंने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री हो या फिर भाजपा के बड़े नेता, जब भी सरकार की बड़ी उपलब्धियों की चर्चा की जाती है तो वह नोटबंदी की चर्चा जरूर करते हैं। सरकार का दावा है कि नोटबंदी इसलिए किया गया था ताकि आतंक पर लगाम लग सके, काला धन को रोका जा सके। सरकार की ओर से कई बार दावा भी किया गया है कि हम अपने उद्देश्य में सफल भी रहे हैं।
इसके साथ ही प्रभासाक्षी के संपादक ने कहा कि विपक्ष इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता था। हाल में ही राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नोटबंदी के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह हो या पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सभी मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को गलत बताते रहे हैं। मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगता रहा है कि नोटबंदी को अचानक किया गया था। नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से साफ तौर पर पता चला है कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बातचीत हुई थी। हालांकि, नीरज दुबे ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा है कि वह सही फैसला था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे अनुचित भी नहीं बताया है। कांग्रेस अब इसी बात को पकड़ने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि बीते वर्ष में वापस जाकर किसी आर्थिक फैसले को पलट दे और जो नोट चलन में खत्म हो गए थे, उन्हें फिर से लाया जाए, ऐसा संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसे से भाजपा गदगद है और यह चुनाव में भी बड़ा मुद्दा बनेगा।
भारत जोड़ो यात्रा
हमने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी चर्चा की। नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से कई विपक्षी दलों ने राहुल गांधी को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है, ऐसा लगता है कि वह राहुल गांधी की पीएम पद की दावेदारी का समर्थन में करने लगे हैं। नीरज दुबे ने कहा कि इस साल के आखिरी दिन में राहुल गांधी ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सबको साथ लेकर चलेंगे। इससे पहले उनका रवैया कुछ अलग था। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए विपक्ष के कई नेताओं को पत्र गया था। लेकिन क्षेत्रीय दल के नेता इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी क्षेत्रीय दल अपनी जमीन बना पाए हैं, वह कांग्रेस को कमजोर करके ही संभव हो सका है। ऐसे में वह कभी नहीं चाहेंगे कि कांग्रेस एक बार फिर से उभरे। अगर ऐसा होता है तो क्षेत्रीय दल फिर से सिमट सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के लिए भी राहुल गांधी को अपने पार्टी को मजबूत रखना होगा।
2024 का सेमीफाइनल 2023
नीरज दुबे ने इस पर कहा कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर लिख कर दिया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है। नीरज दुबे ने कहा कि आप लिखकर मत दीजिए। लोकतंत्र में जनता ही तय करती है कि किसकी सरकार आ रही है। आप किसी की कॉपी मत कीजिए। इसके साथ उन्होंने कहा कि अगर 2023 में कांग्रेस ने अच्छे परिणाम नहीं दिए तो 2024 उसके लिए मुश्किल हो जाएगी। 2023 में 9 राज्यों में चुनाव हैं। 2024 के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि अगर इन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहता है तो 2024 में क्षेत्रीय दल बिना समर्थन मांगे भी कांग्रेस के साथ खड़े हो सकते हैं।
Why got clean chit on demonetisation will rahul get power by bharat jodo yatra