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विदेशी मीडिया में छपने को गोल्ड मेडल क्यों माना जाता है? क्या है BJP की योजना ?

विदेशी मीडिया में छपने को गोल्ड मेडल क्यों माना जाता है? क्या है BJP की योजना ?

विदेशी मीडिया में छपने को गोल्ड मेडल क्यों माना जाता है? क्या है BJP की योजना ?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम 'चाय पर समीक्षा' में इस सप्ताह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी के मुद्दे और भाजपा संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन से दिये गये संदेश को लेकर चर्चा हुई। प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि प्रधानममंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से दिये गये अपने संबोधन में अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण’’ करार दिया था और इस ‘‘अमृत काल’’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘‘पंच प्रण’’ का आह्वान किया था। लेकिन देखने में आ रहा है कि गुलामी की सोच से कोई निकलने को राजी नहीं है और आज भी विदेशी ठप्पे को अपने लिये गोल्ड मेडल माना जाता है।

प्रभासाक्षी के संपादक ने बताया कि हमें विदेशी मानसिकता वाली सोच से बाहर निकलना पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने कई उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा कि अगर हम मॉल में शॉपिंग करने जाते हैं तो आत्मनिर्भर भारत के स्थान पर हमें किसी बाहरी कंपनी के कपड़े ज्यादा भाते हैं क्योंकि हमें लगता है कि जब हम इनका इस्तेमाल करेंगे तो खूब वाहवाही मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने अभिनेताओं का जिक्र किया। क्यों अभिनेता देश के किसी हिस्से की सड़क पर घूमते हुए चाव के साथ फोटो अपलोड नहीं करते हैं, बल्कि मालदीव, लंदन, पेरिस इत्यादि की सड़कों पर घूमते हुए फोटो अपलोड करना उन्हें ज्यादा पसंद होता है।

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दूसरी ओर भाजपा संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति के पुनर्गठन को किसी को बाहर और किसी को अंदर करने मात्र की कवायद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बोर्ड में पहली बार दक्षिण और उत्तर-पूर्व को इतना प्रतिनिधित्व मिला है, यही इस पुनर्गठन की बड़ी बात है। यही नहीं पार्टी के लिए अपना जीवन खपाने वालों को सर्वोच्च नीति निर्णायक समिति में जगह देकर उनका सम्मान भी किया गया है। 

प्रभासाक्षी के संपादक ने भाजपा संसदीय बोर्ड से शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी को हटाए जाने के संबंध में कहा कि उन्हें हटाया नहीं गया है बल्कि उनके भार को कम किया गया है क्योंकि साल 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए हैं और उसके बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं और अभी भाजपा के पास 28 सीटें मौजूद हैं। ऐसे में कैसे सभी सीटें जीता ज्यादा इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा 2023 के चुनावों में फिर से सरकार बनाना भी लक्ष्य है क्योंकि 2018 में कांग्रेस ने बाजी मार ली थी। इसके बाद 15 महीने का वनवास हुआ और भाजपा ने सरकार बना ली।

उन्होंने नितिन गडकरी के मामले में कहा कि साल 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा विकास के मुद्दे पर लड़ने वाली है और इस बात की पुष्टि नितिन गडकरी के हालिया भाषणों में मिल जाता है। उन्होंने 2024 तक देश की तमाम सड़कों को विदेशों की तुलना में बेहतर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में कई सारी परियोजनाओं को वो व्यस्त हैं और उन पर से काम का भार कम किया गया है ताकि वो परियोजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।

- अनुराग गुप्ता

Why is appearing in foreign media considered a gold medal

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