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Rahul Gandhi को जवाब क्यों नहीं दे रहा RSS, राम मंदिर वाले राहुल की तारीफ क्यों कर रहे

Rahul Gandhi को जवाब क्यों नहीं दे रहा RSS, राम मंदिर वाले राहुल की तारीफ क्यों कर रहे

Rahul Gandhi को जवाब क्यों नहीं दे रहा RSS, राम मंदिर वाले राहुल की तारीफ क्यों कर रहे

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश दौरे पर चर्चा हुई। साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे और दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर चर्चा की गयी। प्रभासाक्षी संपादक नीरज कुमार दुबे ने इस दौरान कहा कि आरएसएस जिन सेवा प्रकल्पों को लेकर चलता है वह सालभर उसी में व्यस्त रहता है। आरएसएस कभी भी राजनीतिक आरोपों पर पलटवार नहीं करता। राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के तारीफ राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास और राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल चंपत राय ने की। इसको लेकर भी हो चर्चा हुई इस सवाल के जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी को लेकर इनके विचारों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता दोनों ही लोगों के बयान को पूरी तरीके से वायरल करने में लगे थे। ऐसा लग रहा था कि पूरे साधु-संतों ने कांग्रेस के पक्ष में यह बयान दिया है। परंतु ऐसा नहीं है दोनों ने व्यक्तिगत स्तर पर यह बयान दिया है।

नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस की ओर से इस यात्रा के लिए महंत सत्येंद्र दास जी से आशीर्वाद मांगा गया था। जब भी आप किसी साधु संत से आशीर्वाद मांगेंगे तो वह जरूर देते हैं। ऐसे में कांग्रेस को इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि साधु-संतों की भावनाओं के साथ कांग्रेस ने खिलवाड़ करने की कोशिश की यही कारण है कि साधु-संतों ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी कि कांग्रेस पूरी तरीके से राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे ही धार्मिक विषय को अगर राजनीतिक रंग देती रही तो उसके साथ आगे की स्थिति में कोई साधु संत खड़ा नहीं होगा। ऐसे में उसे सतर्क रहना चाहिए। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि राम मंदिर ना बने इसके लिए कांग्रेस की ओर से तमाम याचिकाएं अदालत में डाली गई थी, यह जगजाहिर है। हालांकि, मोदी सरकार आने के बाद न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया और मंदिर का निर्माण हो रहा है। 

हाल में ही अमित शाह ने कहा था कि राम मंदिर का उद्घाटन 1 जनवरी 2024 को होगा। इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से पलटवार किया गया था। हालांकि, नीरज दुबे ने कहा कि एक वक्त था जब विपक्षी लोग भाजपा से पूछते थे कि आप सत्ता में आ गए लेकिन राम मंदिर कब बनेगा और उद्घाटन कब होगा, इसकी तारीख कब बताएंगे। अब भाजपा की ओर से तारीख बताई जा रही है तो आप पूछ रहे हैं कि अमित शाह तारीख क्यों बता रहे हैं, साधु-संतों को बतानी चाहिए। नीरज दूबे ने जगदानंद सिंह के बयान पर भी अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान समाज में सिर्फ नफरत घोल सकते हैं। ऐसे बयानों से बचना चाहिए। राजनीति करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं, उनके बारे में चर्चा हो।

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आरएसएस पर राहुल गांधी के हमले को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजनीति में नहीं पड़ती है। वह लगातार अपने काम को करते रहता है। नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने जब से अपनी यात्रा शुरू की है। प्रत्येक दिन उन्होंने आरएसएस और बीजेपी का नाम लिया है। उन पर निशाना साधा है। लेकिन आरएसएस की ओर से एक भी बयान नहीं आया। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आरएसएस के पास ऐसे बयानों पर प्रतिक्रिया देने का वक्त नहीं है और वह समाज के लिए लगातार काम करती रहती है। 

इसके अलावा, प्रभासक्षी के संपादक ने कहा कि मेयर की चेयर के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) में जो हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ उसे देखकर किसी को यकीन नहीं होगा कि यह दृश्य राष्ट्रीय राजधानी Delhi का है और वह भी निर्वाचित सदन के भीतर का। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हाल में संपन्न नगर निगम चुनाव के बाद सदन की पहली बैठक में जो हालात दिखे उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले पांच साल कैसे गुजरने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सदन में हाथापाई, आसन पर चढ़कर नारेबाजी, एक दूसरे को चोट पहुँचाने जैसी घटनाएं लोकतांत्रिक रूप से चुने गये सदन के लिए काले अध्याय के समान हैं।

प्रभासक्षी के संपादक ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए जिस तरह का अभियान चला रखा है उससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तैयारी कर रही यूपी सरकार ने पहले प्रतिनिधिमंडलों को विदेशों में भेजा और अब जिस तरह खुद मुख्यमंत्री देश की आर्थिक राजधानी मुंबई जाकर उद्योगपतियों, बैंकरों और अन्य लोगों से मुलाकात कर रहे हैं, वह दर्शाता है कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प सिद्ध करने के प्रयास भी हो रहे हैं।

- अंकित सिंह

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