कांग्रेस को मिलेगा पूर्व सीएम वीरभद्र की विरासत का लाभ? क्यों प्रतिभा सिंह को दी गई इतनी बड़ी जिम्मेदारी
हिमाचल प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है और इसी बीच कांग्रेस पार्टी में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल गया है। बता दें कि राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा वीरभद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी गई है। प्रतिभा सिंह को कुलदीप राठौर की जगह राज्य में पार्टी इकाई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा यह बदलाव साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए किए गए हैँ। प्रतिभा सिंह की टीम में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं। जिनमें हर्ष महाजन,राजिंदर राणा ,पवन काजल शामिल हैं।
कौन है प्रतिभा सिंह
प्रतिभा पहली बार 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं। उन्होंने अपना पहला चुनाव इसी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था लेकिन भाजपा के महेश्वर सिंह ने उन्हें सवा लाख मतों से हरा दिया था। 1998 में वाजपेयी की सरकार आई लेकिन वह भी केवल 13 महीने ही सत्ता में रह सकी। 1999 में लोकसभा का दोबारा चुनाव किया गया। प्रतिभा सिंह ने यह चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन उन्होंने 2004 में एक बार फिर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई और पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई। 2009 का लोकसभा चुनाव उनके पति पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने लड़ा था।
क्यों प्रतिभा सिंह को दी गई इतनी बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में हिमाचल कांग्रेस को लेकर छह सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। इस बैठक में पार्टी ने माना कि दिवंगत वीरभद्र सिंह का हिमाचल प्रदेश में प्रभाव अभी भी कायम है। वह 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। इसी वजह से कांग्रेस पार्टी ने उनकी पत्नी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया। प्रतिभा सिंह की नियुक्ति से पार्टी और भी मजबूत होगी।
1985 में वीरभद्र सिंह से की थी शादी
प्रतिभा सिंह ने 1985 में वीरभद्र सिंह से शादी की थी। वीरभद्र सिंह की पिछले साल 87 साल की उम्र में निधन हो गया था। कोरोना की चपेट में आने के बाद उन्हें सांस संबंधी परेशानियां होने लगी थी।
मंडी से हैं सांसद
2012 में जब वीरभद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था। जब 2013 में उपचुनाव हुए तो प्रतिभा सिंह तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरीं। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रतिभा सिंह ने करीब 1.39 लाख मतों से मात दी थी और दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित की गई। जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुए तो भाजपा से रामस्वरूप ने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 39 हजार से भी अधिक वोटों से हरा दिया था। हिमाचल में उस दौरान कांग्रेस की सरकार थी और जब प्रतिभा सिंह हारी थी तो इस बात से सब हैरान रह गए थे। प्रतिभा सिंह ने सात साल बाद दोबारा चुनावी मैदान में उतरते ही मंडी सीट से अपनी जीत का परचम लहराया।
why such a big responsibility was given to pratibha singh