सबसे बड़े प्रदेश में सबसे कम समय क्यों रहेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ उत्तर प्रदेश में फीकी और छोटी नजर आएगी। मुश्किल से तीन-चार दिन में यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए हरियाणा में प्रवेश कर जाएगी। देश के सबसे बड़े सूबे में यात्रा का सबसे छोटा कार्यक्रम, गांधी परिवार की सोच पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान जानता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है, यहां राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का फ्लाप होना तय है, इसीलिए सांकेतिक रूप से यूपी में सिर्फ दो-तीन दिन के लिए यात्रा दिखाई देगी। यह भी इसलिए हो रहा है क्योंकि हरियाणा जाने के लिए यूपी से गुजरना जरूरी है, वर्ना यह यात्रा यूपी में प्रवेश ही नहीं करती।
यूपी में तीन-चार दिनों में यात्रा के दौरान राहुल गांधी की कितनी मौजूदगी रहेगी इसको लेकर कोई भी कांग्रेसी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। वैसे कहने को जरूर कहा जा रहा है कि यूपी में यात्रा को एतिहासिक बनाने के लिए वरिष्ठ पार्टी नेता जुटे हुए हैं। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर उच्चस्तरीय बैठक भी हुई थी। इसमें अब तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया गया। प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां और तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में पश्चिमी प्रांत के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गाजियाबाद में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर राहुल की पदयात्रा को लेकर कार्ययोजना बनाई। सिद्दीकी का कहना है कि राहुल की पदयात्रा तीन जनवरी की सुबह लगभग 10 बजे दिल्ली से आकर गाजियाबाद के लोनी बार्डर से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।
राहुल गांधी गाजियाबाद के बाद चार जनवरी को बागपत व पांच जनवरी को शामली में पदयात्रा करेंगे। पांच जनवरी की शाम राहुल गांधी की यात्रा कैराना से होकर सोनीपत (हरियाणा) में प्रवेश करेगी। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि छह जनवरी को भी प्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा की संभावना है। इसे लेकर मंथन चल रहा है और अंतिम निर्णय 25 दिसंबर तक हो सकता है। अब तक प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुरूप राहुल गांधी तीन जिलों में लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। गाजियाबाद में हुई बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला व शहर स्तर के पदाधिकारियों के साथ यात्रा की सफलता को लेकर योजना बनाई गई। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में भी पदयात्रा की सफलता को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने पार्टी मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव की मौजूदगी में जिला व शहर के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की थी।
बहरहाल, कांग्रेस बेशक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों को लेकर भारत जोड़ो यात्रा पर निकली हो लेकिन यह साफ है कि उसका लक्ष्य 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव पर है। राहुल के पिछला लोकसभा चुनाव यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से हारने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रदेश से पार्टी की एकमात्र सांसद हैं। इसके बाद भी प्रदेश के 75 जिलों में से सिर्फ 3 से यात्रा निकाना जाना सवाल खड़े करता है। सोनिया की जीत भी रायबरेली सीट पर इसलिए आसानी से हो गई थी क्योंकि न सपा ने और न ही बसपा ने उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारा था। हाल के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस सिर्फ दो सीट और ढाई प्रतिशत वोट पर सिमट गई, जिस उप्र में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हो, वहां भारत जोड़ो को एक संकुचित दायरे में सीमित कर देने को पार्टी के नेता रणनीतिक चूक और राजनीतिक अदूरदर्शिता मान रहे हैं।
गौरतलब है कि राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकले हुए हैं। कांग्रेसियों का दावा है कि इससे पार्टी के जनाधार में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है। हर धर्म, जाति व समुदाय के लोग कांग्रेस से जुड़ रहे हैं। यह यात्रा जहां से गुजर रही है, एक अलग छाप छोड़ रही है। भारत जोड़ो यात्रा यूपी की सीमा में दिल्ली से 3 जनवरी को प्रवेश करेगी। गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बड़ौत और बागपत होते हुए पानीपत (हरियाणा) जाएगी। कांग्रेसियों को अंदाजा है कि यूपी की सीमा के भीतर यह दूरी करीब 4-5 दिनों में पूरी होगी। राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने के इच्छुक लोगों से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि वे वालंटियर की तरह इसमें शामिल होना चाहते हैं या फिर यात्री की तरह भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं। खैर, यात्रा सीमित ही हो, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृज लाल खाबरी के अलावा प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत सभी प्रांतीय अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में यात्रा को सफल बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
-अजय कुमार
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