क्या आजम खान के घर में भाजपा लगा पाएगी सेंध, आकाश सक्सेना पर भगवा पार्टी को इतना भरोसा क्यों?
उत्तर प्रदेश में 1 लोकसभा सीट और 3 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। जिन 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें रामपुर सदर सीट भी है। रामपुर सदर सीट आजम खान का गढ़ माना जाता है। हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता चली गई थी। यही कारण है कि एक बार फिर से रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने यहां से एक बार फिर से आकाश सक्सेना पर भरोसा जताया है। आकाश सक्सेना को उपचुनाव के लिए पार्टी की ओर से टिकट दी गई है। आकाश सक्सेना 2022 के चुनाव में भी रामपुर से पार्टी के प्रत्याशी थे। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर से आकाश सक्सेना को पार्टी ने यह प्रत्याशी बनाया है।
रामपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है। यहां आजम खान और उनके परिवार का दबदबा भी देखने को मिला है। आजम खान पिछले दिनों जेल से बाहर आए हैं। आजम खान के खिलाफ रामपुर में आकाश सक्सेना जबरदस्त तरीके से हमलावर रहते हैं। आकाश सक्सेना भाजपा के युवा नेता है। दो पैन कार्ड मामला, दो पासपोर्ट मामला, दो जन्म प्रमाण पत्र मामला समेत कई मामलों में आकाश सक्सेना सीधे-सीधे मुकदमे में वादी रहे हैं और आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ गवाही दे चुके हैं। जौहर विश्वविद्यालय के जमीन मामले में भी आकाश सक्सेना की काफी भूमिका रही। आकाश सक्सेना लगातार आजम खान पर हमलावर रहते हैं। आजम खान का विरोध करके ही आकाश सक्सेना का सियासी सफर शुरू हुआ। यही कारण है कि एक बार फिर से भाजपा की ओर से रामपुर उपचुनाव के लिए उन पर भरोसा जताया गया है।
आकाश सक्सेना छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहें। वे लगातार लोगों से मिलते जुलते रहते हैं। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। पिछले चुनाव की बात करें तो रामपुर में आजम खान और आकाश सक्सेना के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ था। आजम खान को 131225 वोट मिले थे जबकि आकाश सक्सेना 76084 वोट पर ही रह गए थे। हालांकि, रामपुर में भाजपा के पक्ष में 76000 वोट भी काफी मायने रखता है। आजम खान रामपुर से पहली बार 1980 में चुनाव जीते थे। उसके बाद 1995 तक वह लगातार विधायक रहे। फिर आजम खान केंद्र की राजनीति में आए। फरवरी 2002 से यह सीट लगातार आजम खान और उनके परिवार के पास है।
Will bjp trust akash saxena for rampur byelection in azam khan dominant seat