45 घंटे, 10 बड़े नेताओं से मुलाकात, 20 कार्यक्रम, मुद्दा क्यों है अहम, क्या बाली में परवान चढ़ेगी भारतीय कूटनीति
इंडोनेशिया के बाली में जी 20 देशों के 17वें शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कदम रख दिए हैं। ये सम्मेलन भारत के लिए इसलिए भी खास है कि कि इसमें जी 20 की अध्यक्षता उसे मिलने वाली है। ये अध्यक्षता एक साल के लिए हैं, लेकिम महत्वपूर्ण इस मायने में है कि दुनिया जब जबरदस्त चुनौतियों से घिरी है, तब भारत को ये जिम्मेदारी मिली है। पीएम मोदी बाली पहुंच चुके हैं। जिसके बाद भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया है। बाली में पीएम मोदी करीब 45 घंटे के अपने प्रवास के दौरान 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
पीएम मोदी का पूरा शेड्यूल
15 नवंबर को पीएम मोदी सुबह 6:50 बजे अपूर्व केम्पिसंकी पहुंचेंगे जहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा। भारत के समय के हिसाब से सुबह 7:00 बजे पीएम मोदी कार्य सत्र 1 में शामिल होंगे जो कि खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित होगा। इसके बाद सुबह 10 बजे नेताओं के लंच का कार्यक्रम है। फिर सुबह 11:30 बजे स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर कार्यक्रम है। फिर दोपहर 2:30 बजे वो प्राइम प्लाजा, होटल सनुर पहुंचेंगे जहां एक सामुदायिक कार्यक्रम है। इसके बाद पीएम मोदी शाम 4:30 बजे वेलकम डिनर और सांस्कृतिक कार्यक्रम - गरुड़ विष्णु केंकाना कल्चरल पार्क में शामिल होंगे।
क्यों महत्वपूर्ण हैं जी-20 देश इंडोनेशिया
जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपीय संघ शामिल हैं। जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
क्या रहेंगे अहम मुद्दे
जी 20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट, चीन, पश्चिमी देशों के बीच तनाव जैसे मुद्दे प्रमुख हो सकते हैं। एक तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक से दूरी बना रहे हैं। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राश्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। शिखर सम्मेलन की स्वास्थ्य, स्थायी, ऊर्जा और डिजिटल बदलाव, यूक्रेन में जारी युद्ध सेप्रभावित होने की आशंका है।
यूक्रेन पर भारत का रुख
भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। उसका कहना है कि संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत से किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोमिमीर जेलेंस्की दोनों से कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है।
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